अमन तिवारी, रांची. राज्य में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन का सुप्रीमो दिनेश गोप इन दिनों जेल में बैठकर गिरोह चला रहा है. लोधमा में लेवी के लिए घटी आगजनी की एक घटना के बाद खूंटी पुलिस की जांच में उसकी संलिप्तता की बात सामने आयी है. इसके बाद कर्रा थाना की पुलिस ने उसे भी अभियुक्त बनाया है. पूर्व में दिनेश गोप होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद था. कुछ माह पहले उसे पलामू जेल में ट्रांसफर किया गया था. पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार दो दिसंबर को पुलिस को सूचना मिली थी कि लोधमा में चंदपारा रेलवे क्रॉसिंग के पास दो पोल में पीएलएफआइ संगठन के नाम पर पर्चा साटा गया है. पर्चा के जरिये सभी ठेकेदार को चेतावनी दी गयी है कि बिना संगठन को मैनेज किये बिना काम करने पर फौजी कार्रवाई की जायेगी. नीचे में पीएलएफआइ के जोनल कमांडर का नाम लिखा था. घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस को जांच करने पर पता चला कि शीला कंस्ट्रक्शन कंपनी की साइट में खड़े हाइवा में गोला फेंककर आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया है. इसके अलावा इस घटनास्थल से 24 मीटर की दूरी पर स्थित रेलवे का काम कर रही जयश्री कंपनी के पोकलेन में तेल छिड़क कर आग लगा दी गयी है. पूछताछ में वहां के कर्मियों ने बताया कि एक बाइक पर सवार होकर तीन लोग पहुंचे थे. घटना को अंजाम देने के बाद वे लोग हुटार की ओर भाग गये. लेकिन जब पुलिस ने इस घटना को लेकर गुप्ता रूप से जांच शुरू की, तब पता चला कि इस घटना को जेल में बंद पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप तथा उसके दाहिना हाथ शिव कुमार साहू ने अपने गुर्गों के जरिये रंगदारी मांगने की नीयत से घटना को अंजाम दिलवाया है. इनके गुर्गों ने रंगदारी वसूलने के लिए दहशत फैलाने की नीयत से कंपनी की खड़ी गाड़ी में आग लगवायी है. इसके पहले भी इनके द्वारा तीन विभिन्न मोबाइल नंबरों से खूंटी, रनिया, मारंगहादा, कर्रा और जरियागढ़ थाना क्षेत्र में काम करने वाले ठेकेदार से रंगदारी मांगी गयी है. जांच के आधार पर शिव कुमार साहू को भी आरोपी बनाया गया है. वह रनिया थाना क्षेत्र का रहने वाला है.
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