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धान खरीद घोटाले का आरोपी बना को-ऑपरेटिव बैंक का निदेशक

धान खरीद घोटाले के आरोपी सुधीर कुमार सिंह को-ऑपरेटिव बैंक के नॉमिनेटेड निदेशक हैं. यही नहीं, उन्हें महिला के लिए आरक्षित सीट पर नॉमिनेट किया गया है. वह को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष के करीबी बताये जाते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2020 3:02 AM

रांची : धान खरीद घोटाले के आरोपी सुधीर कुमार सिंह को-ऑपरेटिव बैंक के नॉमिनेटेड निदेशक हैं. यही नहीं, उन्हें महिला के लिए आरक्षित सीट पर नॉमिनेट किया गया है. वह को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष के करीबी बताये जाते हैं. राज्य सरकार के आदेश के आलोक में वित्तीय वर्ष 2015-16 में देवघर जिले में हुए धान खरीद घोटाले में प्राथमिकी दर्ज हुई थी. देवघर जिले में हुए 2.53 करोड़ रुपये के धान खरीद घोटाले में कुल 26 पैक्स के अध्यक्षों को आरोपी बनाया गया था.

प्राथमिकी में संबंधित पैक्स के अधिकारियों पर फर्जी धान खरीद के नाम पर 2.53 करोड़ रुपये के घोटाले का अारोप है. देवघर में दर्ज इस प्राथमिकी में को-ऑपरेटिव बैंक के वर्तमान निदेशक सुधीर कुमार सिंह का नाम भी था. वह उस वक्त सारवां प्रखंड के बैजुपूरा पैक्स के अध्यक्ष थे. इस पैक्स पर धान खरीद के नाम पर 8.87 लाख रुपये के गबन का आरोप है. यह मामला फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है.

महिला के पद पर पुरुष को बैठाया : रिपोर्ट में कहा गया है कि नियमानुसार बोर्ड के 19 सदस्यों में 10 पुरुष और नौ महिलाएं होनी चाहिए. वर्तमान में निदेशक मंडल में 10 पुरुष और चार महिला सदस्य हैं. इस तरह निदेशक मंडल में पुरुष का कोई पद खाली नहीं है. निदेशक मंडल में खाली पद नियमानुसार महिलाओं के लिए हैं. सुधीर कुमार सिंह ना तो प्रोफेशनल हैं और ना ही महिला. इसलिए इस पद पर उनका मनोनयन नियमसम्मत नहीं है.

  • 2015-16 में देवघर में हुए धान खरीद घोटाले में दर्ज हुई थी प्राथमिकी

  • निदेशक सुधीर कुमार भी हैं आरोपी, फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है मामला

  • महिला के लिए आरक्षित सीट पर किये गये हैं नॉमिने

बैंक अध्यक्ष के करीबी हैं सुधीर : को-ऑपरेटिव चुनाव के बाद बैंक के अध्यक्ष अभयकांत प्रसाद की अध्यक्षता में निदेशक मंडल की पहली बैठक में उनके करीबी सुधीर कुमार सिंह को मनोनयन के आधार पर निदेशक बनाने का प्रस्ताव पेश हुआ. इसके बाद उन्हें निदेशक के रूप में मनोनीत किया गया. सुधीर कुमार को निदेशक बनाने के मुद्दे पर उभरे विवाद के मद्देनजर सरकार ने जांच का आदेश दिया. जांच के बाद सरकार को सौंपी गयी रिपोर्ट में सुधीर कुमार के मनोनयन को गलत बताया गया.

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