ख :::::: एसीसी कॉलोनी में पसरी है गंदगी, सफाई व्यवस्था फेल
कॉलोनिवासियों को गंदगी से हो रही है परेशानी
कॉलोनिवासियों को गंदगी से हो रही है परेशानी
22 खलारी 03, एसीसी कॉलोनी में बजबजाती नाली.
प्रतिनिधि, खलारी
खलारी के बुकबुका पंचायत अंतर्गत एसीसी कॉलोनी की नालियां बजबजा रही हैं. कॉलोनी में गंदगी पसरी हुई है. एक ओर सरकार जहां खुले में शौच नहीं जाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है, वहीं खलारी स्थित एसीसी कॉलोनी के क्वार्टरों का शौच खुली नालियों में बह रहा है. पुराने जानकार बताते हैं कि जब खलारी सीमेंट फैक्ट्री नियमित सुचारू रूप से चल रहा था तो सीमेंट कॉलोनी का सेनीटेशन व्यवस्था बहुत ही बढ़िया थी. परंतु दो दशक पूर्व फैक्ट्री बंद होने के बाद सफाई व्यवस्था बंद हो गयी. तब से एसीसी कॉलोनी की सेनीटेशन व्यवस्था फेल हो चुकी है. अब खलारी सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन को कॉलोनी की व्यवस्था की परवाह नहीं है. पांच दशक से भी पुरानी होने के कारण कॉलोनी के सेनीटेशन व्यवस्था को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है. साथ ही ब्लॉक स्तर पर भी कॉलोनी की सफाई की कोई सुविधा नहीं है. हालांकि बड़े त्योहारों पर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता, मुखिया कॉलोनी की सड़कें पर पड़े गंदगी की सफाई के लिए पहल करते रहते हैं. परंतु एसीसी कॉलोनी की नियमित सफाई के लिए बड़े स्तर पर पहल किसी ने नहीं की. वर्षों पहले एसीसी कॉलोनी के सड़कों पर प्रतिदिन झाडू लगा करता था. जबकि फैक्ट्री बंद होने के बाद आज परिस्थितियां वैसा नहीं हैं. कॉलोनी की सड़कों पर नहीं झाड़ू लगते हैं और न ही लाइटिंग की व्यवस्था है. पूरी कॉलोनी शाम ढलते ही अंधेरे में डूब जाता है. कॉलोनी के सड़क किनारे बड़े-बड़े घास उग आये हैं. कॉलोनी की नालियां बजबजा रही हैं. जिसके दुर्गंध से लोग परेशान हैं.
डीएमएफटी फंड से कॉलोनी को हो सकता है कायाकल्प
खलारी का सौभाग्य है कि क्षेत्र के विकास के लिए वित्तीय संकट नहीं है. सरकार के अन्य फंडों के अतिरिक्त डीएमएफटी का भी फंड है. डीएमएफटी खलारी प्रखंड में कोयला खनन से सरकारी फंड रॉयल्टी का हिस्सा है. अगर स्थानीय जनप्रतिनिधि, सीसीएल और प्रशासन मिलकर सकारात्मक पहल करेंगे तो एसीसी कॉलोनी में डे-टू-डे सफाई कार्य किया जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है