Athletics: सामान्य खिलाड़ियों के साथ दौड़ी दिव्यांग काजल ने जीता सोना, उपेक्षा से हैं परेशान

क्राॅस कंट्री रेस में जामताड़ा की काजल ने पेश की अलग मिसाल

By Prabhat Khabar News Desk | December 31, 2024 8:48 PM
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क्राॅस कंट्री रेस में जामताड़ा की काजल ने पेश की अलग मिसालरांची. कहते हैं जब इरादे बुलंद हो तो मुश्किलों का पहाड़ भी छोटा पड़ जाता है. कुछ यही मिसाल पेश किया है जामताड़ा की दिव्यांग एथलीट काजल कुमारी ने. जमशेदपुर में हुए क्राॅस कंट्री रेस में काजल कुमारी अंडर-20 बालिका वर्ग के सामान्य वर्ग में हिस्सा लिया और छह किलोमीटर दौड़ को पूरी करते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया. लेकिन इस खिलाड़ी की परेशानी है कि इसे कहीं से भी सहयोग नहीं मिलना.

राष्ट्रीय स्तर पर जीता है पदक, लेकिन उपेक्षा की शिकार

काजल कुमारी अपनी कैटेगरी में दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत चुकी है. इसका कहना है कि पदक जीतने के बाद भी मैं उपेक्षा की शिकार हो रही हूं. यदि मुझे सरकार द्वारा पूरा सहयोग मिले तो मैं राज्य का नाम रौशन कर सकती हूं. काजल के कोच मनोज कुमार ने बताया कि काजल पिछले आठ वर्षों से उनके पास अभ्यास कर रही है. शुरुआती दौड़ में उनको स्पीड पकड़ने में थोड़ी दिक्कत हुई. लेकिन धीरे-धीरे व बेहतर एथलीट बन गयी. काजल के पिता संजय यादव मजदूरी कर के परिवार का भ्रण भोषण करते है. कोच ने कहा कि झारखंड पैरा कमिटी के अध्यक्ष कमल कुमार अग्रवाल के मनमानी के कारण काजल को राष्ट्रीय पैरा खेल में शामिल होने का अवसर नहीं मिला.

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