रांची. केंद्रीय विवि, झारखंड (सीयूजे) अंतर्गत वाणिज्य और वित्तीय अध्ययन विभाग के तत्वावधान में मंगलवार को संघीय बजट वार्ता-2025 और व्यक्तिगत कर नियोजन विषय पर चर्चा का आयोजन किया गया. इसमें डॉ बटेश्वर सिंह ने एक फरवरी 2025 को पेश आम बजट तथा भारतीय आर्थिक परिदृश्य को आकार देने की क्षमता वाली प्रमुख पहलों और सुधारों को उजागर किया. उन्होंने बताया कि इस बजट में मध्यम वर्ग के लिए काफी राहत की घोषणा की गयी है. टैक्स में किया गया बदलाव वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी व्यक्तियों को लाभ पहुंचायेगा. जिनकी आय एक लाख रुपये है, उनका प्रति माह 7,500 रुपये कर बच रहा है. पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है. संचालन डॉ केबी सिंह, डॉ अजय प्रताप सिंह और डॉ प्रणय पराशर ने किया. शोधार्थी मेघा, क्षितिज, कुंतल, एकता, प्रियंका, रीना, नेहा आदि ने भी विचार रखे.
नियुक्ति में स्थानीय को मिले प्राथमिकता
रांची. झारखंड के सभी विवि में नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में स्थानीय अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने की मांग झामुमो नेता डॉ मुज्जफर हुसैन ने की है. डॉ हुसैन ने रांची विवि के कुलपति से नियुक्ति प्रक्रिया तत्काल रोकने का आग्रह किया है. कहा है कि विवि में कई विषयों में सामान्य श्रेणी के पदों पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, त्रिपुरा, गुजरात, असम, पश्चिम बंगाल एवं दिल्ली के अभ्यर्थियों की संख्या 95 प्रतिशत है. हिंदी विषय में 33 राज्य से बाहर के अभ्यर्थी हैं जबकि एक झारखंड का निवासी है. इसी प्रकार इतिहास में 93 में से छह अभ्यर्थी स्थानीय है. अंग्रेजी में 55 में से पांच स्थानीय अभ्यर्थी हैं. राजनीति विज्ञान में 40 में से सात ही स्थानीय अभ्यर्थी हैं. संस्कृत में 18 में से तीन अभ्यर्थी स्थानीय हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है