बिना लाइसेंस बार में बजता है डीजे, नहीं होती है कार्रवाई

गाना बजाने या डीजे का कार्यक्रम करने के लिए जरूरी है पब्लिक परफॉर्मेंस लाइसेंस

By Prabhat Khabar News Desk | May 29, 2024 12:06 AM

रांची (प्रमुख संवाददाता). राजधानी के बार में बिना अनुमति (लाइसेंस) के डीजे बजता है. नियमानुसार, सार्वजनिक रूप से गाना बजाने या डीजे का कार्यक्रम करने के लिए पब्लिक परफॉर्मेंस लाइसेंस (पीपीएल) की आवश्यकता होती है. सार्वजनिक रूप से गाना बजाने के लिए विशेष अवसरों पर भी पीपीएल अनिवार्य है. परंतु, शहर के बार बिना पीपीएल के ही न केवल गाना बजाते हैं, बल्कि नियमित रूप से डीजे के कार्यक्रमों का भी आयोजन कराते हैं. बिना पीपीएल के गाना-बजाना करने पर अब तक राजधानी के किसी भी बार या रेस्तरां पर कार्रवाई नहीं की गयी है. बदतमीजी करते हैं बाउंसर : पिछले कुछ वर्षों के दौरान शहर में बार कल्चर तेजी से बढ़ा है. बार में व्यवस्था बहाल करने के लिए रखे जाने वाले बाउंसरों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हुई है. अपवादों को छोड़ कर शहर के लगभग प्रत्येक बार में बाउंसर रखे गये हैं. बाउंसरों में जिम जाने वाले स्थानीय लड़कों की संख्या अधिक होती है. बाउंसरों का काम बार में आने वाले ग्राहकों पर नजर रखना और उसके बहकने या बदतमीजी करने पर हालात को काबू करना होता है. लेकिन, ज्यादातर मौकों पर बाउंसरों की बदतमीजी ही बार में झड़प का कारण बनती है. बाउंसर हालात की जगह ग्राहक पर काबू करने लगते हैं. बाउंसर कॉलर पकड़ या हाथ चला कर छोटी बातों को भी बड़ी झड़प बनाने में भूमिका निभाते हैं. लेट लाइट पार्टियों से स्थानीय लोगों को परेशानी : राजधानी के बारों में होने वाली लेट नाइट पार्टियों से स्थानीय लोगों को काफी परेशानी होती है. रिहायशी इलाकों और गली-मोहल्लों में खुल गये रेस्ट्रों बार व रूफटॉप रेस्तरां की तेज आवाज रात में लोगों को खूब परेशान करती है. मोरहाबादी, कांके रोड व लालपुर इलाके में स्थानीय लोग आये दिन थाना में इसकी शिकायत भी दर्ज कराते हैं. इस्ट जेल रोड स्थित बार विडोरा के बाउंसर कई बार स्थानीय लाेगों से भी उलझ चुके हैं.

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