इ-कचरे के दुष्परिणाम को देखते हुए रांची नगर निगम ने इसके निस्तारण की योजना बनायी है. निगम ने आम लोग से अपील की है कि अपने घर में बेकार पड़े इ-कचरे को इधर-उधर न फेंके. हमें दें. इसके लिए नगर निगम ने शहर में पांच सेंटर बनाये हैं. इन सेंटरों में आकर लोग अपने घरों में बेकार पड़े इ-कचरे को जमा कर सकते हैं.
ये स्थल हैं- नागाबाबा खटाल एमटीएस, हरमू एमटीएस, मोरहाबादी एमटीएस, कांटाटोली एमटीएस और खेलगांव एमटीएस में बनाये गये हैं. निगम की यह पहल ठोस कचरा प्रबंधन नियमावली-2016 के नियमों के तहत की जा रही है, ताकि इ-कचरा दूसरे कूड़े के साथ न मिले. ज्ञात हो कि वर्तमान तक निगम के पास ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी कि वह इ-कचरा का डिस्पोजल करे.
इस कारण लोग अपने घर में कबाड़ हो रहे इलेक्ट्रॉनिक आइटम को कूड़ेदान में ही डाल दे रहे थे. इससे कूड़े के साथ ही इ-कचरा झिरी पहुंच जाता था.
तकनीक के इस युग में जहां हर आदमी के घर में तरह-तरह के इलेक्ट्रॉनिक आइटम भरे पड़े हैं, वहीं खराब होने के बाद इनका निस्तारण भी मुश्किल है. ऐसे में लोग इन इ-कचरे को अधिकतर बार खुली जगहों पर फेंक देते हैं या कबाड़ीवालों को बेच देते हैं.
यहां कचरा चुननेवाले लोग इन आइटमों में शामिल केवल कॉपर के तारों को ही छांटते हैं, शेष खतरनाक चीजों को धरती में गाड़ दिया जाता है या फिर फेंक दिया जाता है. इससे इ-कचरे में शामिल लेड, हेक्सावेलेट क्रोमियम, बेरियम, बेरीलियम जैसे खतरनाक रसायन धीरे-धीरे भूमिगत पानी तक पहुंच जाते हैं और उसे भी दूषित करते हैं.
लैपटॉप, प्रिंटर्स, मोबाइल फोन, टेलीफोन, रेडियो कॉर्डलेस, मोबाइल, बैट्री, पुराना फ्रिज, स्विच बोर्ड, स्पीकर, इलेक्ट्रॉनिक खिलौने, टीवी, डिजिटल कैमरा, रिकॉर्ड प्लेयर्स, राउटर्स आदि हैं.
posted by : sameer oraon