रांची (संजीव सिंह). घर में जानवरों के इलाज के लिए वेटनरी मोबाइल क्लिनिक योजना वेटनरी डॉक्टर नहीं मिलने के कारण फंस गयी है. राज्य में कुल 236 वेटनरी मोबाइल क्लिनिक वैन चलायी जानी है. वैन चलाने के लिए नियुक्त एजेंसी वैन चलाने के लिए डॉक्टर की खोज में लगी हुई है. इसके लिए एजेंसी के अधिकारी बिरसा कृषि विवि अंतर्गत वेटनरी कॉलेज भी पहुंचे. कॉलेज प्रशासन से वेटनरी डॉक्टर उपलब्ध कराने की मांग की, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने फिलहाल डॉक्टर उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया. कॉलेज प्रशासन ने एजेंसी को जनवरी 2025 तक इंतजार करने के लिए कहा. कॉलेज द्वारा बताया गया है कि पूर्व में जितने भी डॉक्टर पास आउट हुए हैं, वे कहीं न कहीं रोजगार में हैं. जबकि कॉलेज के सत्र 2017-18 बैच का जनवरी 2025 में फाइनल परीक्षा का रिजल्ट जारी होने की संभावना है. इसके बाद ही डॉक्टर उपलब्ध हो सकेंगे.
सीएम व मंत्री के फोटो विवाद को लेकर कई माह तक खड़ी रही वैन
वेटनरी मोबाइल वैन में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और कृषि मंत्री बादल का फोटो लगा हुआ था. लेकिन कुछ माह बाद ही चंपाई सोरेन के मुख्यमंत्री पद से तथा बादल के कृषि मंत्री पद से हटने के बाद मुख्यमंत्री के पद पर हेमंत सोरेन तथा कृषि मंत्री के पद पर दीपिका सिंह पांडेय आसीन हुए. जिससे चंपाई सोरेन व बादल का फोटो लगे वैन के संचालन पर रोक लग गयी. विभाग द्वारा वैन पर चंपाई सोरेन की जगह हेमंत सोरेन और बादल की जगह दीपिका पांडेय सिंह का फोटो लगाने का निर्देश दिया गया. फोटो लगने तक वैन खड़ी रही. जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत केंद्र ने प्रति मोबाइल वैन 16 लाख रुपये का भुगतान भी किया है.एक साल पहले हुआ है संचालन के लिए एमओयू
योजना के संचालन के लिए 10 अगस्त 2023 को तत्कालीन कृषि मंत्री बादल की मौजूदगी में इएमआरआइ ग्रीन हेल्थ सर्विसेस के साथ एमओयू हुआ था. जेएसआइए की देखरेख में इसमें पशुओं के इलाज की पूरी सुविधा उपलब्ध करायी गयी. कोई भी जरूरतमंद पशुपालक कॉल कर वैन की सेवा प्राप्त कर सकते थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है