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Jharkhand: स्वास्थ्य अनुबंधकर्मी के हड़ताल पर जाने से डॉक्टर कर रहे नर्सिंग का काम, अस्पतालों में पसरा सन्नाटा

स्वास्थ्य कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का असर अब स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने लगा है. सबसे ज्यादा असर ग्रामीण इलाकों के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दिख रहा है. हड़ताल के कारण डॉक्टरों को नर्सिंग का काम करना पड़ रहा है.

राज्य में अनुबंध पर नियुक्त स्वास्थ्य कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का असर अब स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने लगा है. सबसे ज्यादा असर ग्रामीण इलाकों के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दिख रहा है. हड़ताल के कारण डॉक्टरों को नर्सिंग का काम करना पड़ रहा है. वे मरीजों को इंजेक्शन लगा रहे हैं और स्लाइन चढ़ा रहे हैं. दवा वितरण का कार्य भी उन्हीं को करना पड़ रहा है. कर्मियों की हड़ताल के कारण नियमित टीकाकरण व कोरोना टीकाकरण भी प्रभावित हो गया है. प्रभात खबर ने जब राजधानी व आसपास की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने वाले असर का जायजा लिया, तो स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी पर नजर आयीं.

सेवा नियमित करने समेत अन्य मांगों को लेकर अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मियों की बेमियादी हड़ताल दूसरे दिन बुधवार को भी जारी रही. इस कारण इलाज कराने आये मरीजों और अस्पताल में भर्ती मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. भर्ती मरीजों को दवा देर से मिली. सदर अस्पताल रांची में तो अतिरिक्त मैनपावर से काम चला लिया गया, लेकिन ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ्य केंद्रों पर इसका व्यापक असर रहा. इधर, झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्साकर्मी संघ के बैनर तले नर्स, फार्मासिस्ट, एक्सरे और लैब टेक्नीशियन राजभवन के समक्ष धरना पर बैठे रहे.

संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि गुरुवार से स्वास्थ्य सेवाओं पर ज्यादा असर पड़ने लगेगा. पीएचसी और सीएचसी में पहले ही प्रशिक्षु नर्स और आउटसोर्स कर्मचारी से काम चलाया जा रहा है. हड़ताल जारी रहने से परेशानी और बढ़ जायेगी. हालांकि, शहरी क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों पर ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं जारी हैं. नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ की हड़ताल में महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं. विरोध को असरदार बनाने के लिए गुरुवार को मानव शृंखला बनाकर समर्थन जुटाने का प्रयास किया जायेगा.

गंभीर मरीज किये गये रेफर

कर्मियों की हड़ताल के कारण पीएचसी-सीएचसी में सुबह से ही व्यवस्था बिगड़ गयी थी. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव के लिए आयी गर्भवती महिलाओं का सिजेरियन हुआ, लेकिन गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल और रिम्स रेफर कर दिया गया. वहीं, बंध्याकरण के लिए जिन्हें पहले से समय दिया गया था, उन्हें भी लौटा दिया गया.

ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों में पसरा रहा सन्नाटा, लौटे मरीज

ओरमांझी सीएचसी : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ओरमांझी की 38 एएनएम, दो जीएनएम और एक लैब टेक्नीशियन के हड़ताल पर जाने से चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गयी है. अब अस्पताल महज पांच सरकारी एएनएम, दो जीएनएम नर्सों और एक लैब टेक्नीशियन के सहारे चल रहा है. ओरमांझी सीएचसी में पदस्थापित प्रोग्राम पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि पूरे प्रखंड में 132 आंगनबाड़ी केंद्र हैं.

कर्रा : 13 स्वास्थ्य सब सेंटर बंद

स्वास्थ्य अनुबंधकर्मियों की हड़ताल के कारण प्रखंड के 13 स्वास्थ्य सब सेंटर बंद हो गये हैं. प्रखंड में एक सीएचसी, एक पीएचसी व 22 हेल्थ सब सेंटर हैं, जिनमें अनुबंध पर नियुक्त 40 एएनएम, तीन जीएनएम, एक लैब टेक्नीशियन, एक एक्स-रे टेक्नीशियन और एक फार्मासिस्ट हड़ताल पर हैं. पांच सरकारी एएनएम को सीएचसी कर्रा में एमटीसी, लेबर रूम और जनरल वार्ड का भार दिया गया है. सात हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को सीएचओ के सहयोग से किसी तरह संचालित किया जा रहा है.

सदर अस्पताल खूंटी

अस्पताल के 60 से अधिक कर्मी हड़ताल पर हैं. इस कारण ओपीडी और इमरजेंसी सेवा पर असर पड़ा है. वैक्सीनेशन, जांच, एक्स-रे प्रभावित है. अस्पताल में आउटसोर्सिंग से रखे गये स्वास्थ्य कर्मियों से सेवाएं ली जा रही हैं.

मांडर : टीकाकरण प्रभावित

मांडर में बच्चों का टीकाकरण कार्य प्रभावित हुआ है. मांडर के चिकित्सा प्रभारी डॉ किशोर कुल्लू ने बताया कि प्रखंड में अनुबंध पर कार्यरत 28 एएनएम विभिन्न स्वास्थ्य उपकेंद्रों में पदस्थापित हैं.

सिल्ली : बंध्याकरण स्थगित

हड़ताल के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. कर्मचारियों की कमी के कारण क्षेत्र में गुरुवार को होने वाले नियमित टीकाकरण को टाल दिया गया है. शुक्रवार को अस्पताल परिसर में होने वाले बंध्याकरण को स्थगित कर दिया गया है.

रातू : 62 अनुबंधकर्मी हड़ताल पर

अनुबंध कर्मचारी एएनएम, जीएनएम, लैब टेक्नीशियन, एक्सरे टेक्नीशियन व फार्मासिस्ट के हड़ताल पर जाने से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इसका व्यापक असर पड़ा है. क्षेत्र के 62 अनुबंधकर्मी के हड़ताल पर जाने से टीकाकरण कार्य पर असर पड़ा है. गुरुवार को रूटीन टीकाकरण के लिए अतिरिक्त कर्मियों या सीएचओ नर्सों की तैनाती करने पर विचार चल रहा है.

अनगड़ा

अनगड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत 36 एएनएम अनुबंध पर कार्यरत हैं. इनके हड़ताल पर चले जाने के कारण स्वास्थ्य कार्यों पर असर पड़ा है. उपकेंद्रों में टीकाकरण का कार्य पूरी तरह से प्रभावित है. 21 उपकेंद्रों में से 15 सेंटर बंद हो गये हैं. आउटसोर्सिंग स्टाफ के सहयोग से काम किया जा रहा है.

पिस्कानगड़ी

नगड़ी स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सक डॉ निर्मल कुमार ने बताया कि एक स्थायी एएनएम के भरोसे अस्पताल में प्रसव सहित कई अन्य कार्य किये जा रहे हैं. प्रखंड में 18 अनुबंधकर्मी कार्यरत हैं. सभी हड़ताल पर हैं.

2000 लोगों
पर कोतवाली
में प्राथमिकी

अनुबंधकर्मियों द्वारा राजभवन के पास सोमवार को बैरिकेडिंग को तोड़ने और पुलिस के साथ धक्का-मुक्की के आरोप में कोतवाली थाना की पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. केस घटनास्थल पर मौजूद मजिस्ट्रेट अलख सिंह की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है. जिसमें झारखंड राज्य एनएचआरएम एएनएम-जीएनएम संघ और झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सक कर्मी संघ के अध्यक्ष, सचिव सहित अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है. इनमें बीना सिंह, राघव कुमार, विनय कुमार सिंह, नवीन कुमार गुप्ता, संतोष कुमार, राजा चंदन के अलावा 1500-2000 अज्ञात लोगों को आरेापी बनाया है.

दर्ज केस के आधार पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों की पहचान भी शुरू कर दी है. पुलिस के अनुसार दर्ज केस में आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने 144 का उल्लंघन कर मुख्यमंत्री आवास घेराव को रोकने के लिए लगायी गयी बैरिकेडिंग को तोड़ दिया. जब पुलिस ने आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास किया, तो उनके द्वारा पुलिस के साथ-मुक्की करते हुए सरकारी काम में बाधा पहुंचायी गयी.

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