रिम्स में जटिल सर्जरी कर डॉक्टरों ने बचायी तीन मरीजों की जान
रिम्स के तीन विभागों में तीन जटिल सर्जरी कर मरीजों की जान बचायी गयी. हड्डी विभाग में कूल्हा की सर्जरी, सीटीवीएस में हार्ट की सर्जरी व प्लास्टिक सर्जरी विभाग में हाथ के कटे हुए हाथ व मांसपेशी की सर्जरी की गयी
रांची : रिम्स के तीन विभागों में तीन जटिल सर्जरी कर मरीजों की जान बचायी गयी. हड्डी विभाग में कूल्हा की सर्जरी, सीटीवीएस में हार्ट की सर्जरी व प्लास्टिक सर्जरी विभाग में हाथ के कटे हुए हाथ व मांसपेशी की सर्जरी की गयी. सर्जरी के बाद तीनों मरीज स्वस्थ हैं और उन्हें गहन चिकित्सा में रखा गया है.
दाहिने हाथ को कटने से बचाया : प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने चार घंटे तक आॅपरेशन कर रांची के 26 वर्षीय युवक के दाहिने हाथ को कटने से बचाया. युवक के दाहिना हाथ पर शीशा गिर गया था. उसके हाथ की नस व मांसपेशी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी थी, सिर्फ हड्डी बची थी. प्लास्टिक सर्जरी के विभागाध्यक्ष डाॅ विक्रांत रंजन ने जटिल ऑपरेशनकर युवक के हाथ को दुरुस्त किया.
हड्डी विभाग में हुई कूल्हे की सर्जरी : डॉ गोविंद कुमार गुप्ता की टीम ने ऑपरेशन कर गिरिडीह के सामू कुमार के बांये पैर को कटने से बचाया है. ऑपरेशन कर बच्चे के जांघ में इंप्लांट लगाया गया है. डॉ गोविंद ने बताया कि बच्चे का कूल्हा टूट गया था. गिरिडीह, धनबाद व दुर्गापुर के अस्पताल ने ऑपरेशन करने से मना कर दिया. इसके बाद परिजन बच्चे को रिम्स लाये. यहां आते ही आवश्यक जांच कर बच्चे के कूल्हे का ऑपरेशन किया गया.
युवती के दिल की हुई सफल सर्जरी : रांची निवासी युवती (35 वर्षीय) को सीटीवीएस विभाग के डॉ अंशुल कुमार की टीम ने नयी जिंदगी दी है. युवती साइनस विनोसेस (फेफड़ा से दिल को खून भेजनेवाली धमनी) की समस्या से पीड़ित थी. इस बीमारी में दिल का साइनस सही जगह पर नहीं होकर दूसरी जगह खुलता है. ऑपरेशन कर पेरीकार्डियल पैच द्वारा गलत जगह खुल रही धमनी को सही जगह लगाया गया. डॉ अंशुल ने बताया कि पांच से 10 प्रतिशत लोगों में यह बीमारी होती है.
posted by : Pritish Sahay