रांची : डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (डीपीइ) ने देश भर की पीएसयू कंपनियों के प्रदर्शन का आकलन किया है. इसमें देश की दिग्गज कोल कंपनी कोल इंडिया को एक बार फिर गुड कंपनी की कैटेगरी में रखा गया है, जबकि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) को इस बार गुड से वैरी गुड कंपनी की कैटेगरी में शामिल किया गया है. वहीं राजधानी रांची की कंपनी एचइसी को पुअर व मेकन को फेयर कैटेगरी की कंपनियों में शामिल किया गया है.
कोल इंडिया को 100 अंकों में कुल 61.52 अंक (स्कोर) मिले हैं और उसे गुड कंपनी की कैटेगरी में रखा गया है. इस वर्ष कोल इंडिया के स्कोर में 10.12 अंकों का सुधार हुआ है. वर्ष 2019-20 में कोल इंडिया का स्कोर 51.40 अंक था. वहीं सेल को 70.85 अंक मिले हैं. वर्ष 2019-20 में सेल का स्कोर 56.23 था और उसे गुड रेटिंग मिला था. एचइसी को मात्र 22.26 अंक मिले हैं. जबकि 39.62 अंक लाकर मेकन वेरी गुड से फेयर कैटेगरी की कंपनियों में शामिल हो गयी है. वर्ष 2019-20 में मेकन 75.77 अंकों के साथ वेरी गुड कंपनी की कैटेगरी में था.
61.52 अंक मिले कोल इंडिया को 100 अंकों में
डीओपीइ ने 2020-21 में प्रदर्शन के आधार पर देशभर की पीएसयू कंपनियों के लिए एमओयू स्कोर रेटिंग जारी की है. इस सूची में एटामिक एनर्जी, माइंस, पावर सेक्टर, नेचुरल गैस, फर्टिलाइजर सहित कुल 123 संस्थाओं के नाम शामिल हैं.
इनमें झारखंड में स्थापित या कारोबार करने वाली सात कंपनियों को शामिल किया गया है. इनमें कोल इंडिया, सेल, एचइसी व मेकन के अलावा एनटीपीसी 93.23 अंकों के साथ एक्सीलेंट, गेल गैस 74.38 अंकों के साथ वेरी गुड, गेल इंडिया 80.87 अंक प्राप्त कर वेरी गुड व एनएमडीसी ने 79.280 अंकों के साथ वेरी गुड कंपनी की कैटेगरी में जगह बनायी है.
डीपीइ द्वारा जारी एमओयू स्कोर व रेटिंग के रिपोर्ट के आधार पर ही कोयला अधिकारियों का परफॉरमेंस रिलेटेड पे (पीआरपी) का निर्धारण होता है. चूंकि इस वर्ष स्कोर में 10.12 अंकों का सुधार हुआ है. ऐसे में पीआरपी भी गत वर्ष की तुलना में अधिक मिलने की उम्मीद है.
100 में 90 अंक प्राप्त करनेवाली कंपनियों को एक्सीलेंट, 70 से 90 स्कोर करनेवाली कंपनियों को वेरी गुड, 50 से 69 अंक के बीच प्राप्त करनेवाली कंपनी को गुड, 35 से 50 स्कोर करनेवाली कंपनी को फेयर और इससे कम स्कोर करनेवाली कंपनियों को पुअर कैटेगरी में रखा गया है.
Posted by : Sameer Oraon