Ranchi News : इनर रिंग रोड के छह चरणों का बन रहा डीपीआर
नये वित्तीय वर्ष में दी जायेगी स्वीकृति
रांची. रांची के इनर रिंग रोड के छह चरणों का डीपीआर तैयार हो रहा है. डीपीआर तैयार कर तकनीकी स्वीकृति दी जायेगी. इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है. जिन छह चरणों के लिए सर्वे के बाद डीपीआर तैयार किया जा रहा है, उनमें झिरगा टोली (कांके रोड) से चिरौंदी, फायरिंग रेंज से खेलगांव, दुर्गा सोरेन चौक से चांदनी चौक, चांदनी चौक से धुर्वा गोलचक्कर, धुर्वा गोलचक्कर से डीएवी पुंदाग और डीएवी हेहल से पंडरा तक की सड़क शामिल है. इनमें से कुछ सड़कों पर अगले वित्तीय वर्ष में काम शुरू किया जायेगा.
चार चरणों पर विभाग बढ़ा है आगे
पथ निर्माण विभाग अब तक चार चरणों पर आगे बढ़ा है. सबसे पहले चिरौंदी से फायरिंग रेंज (बड़गाईं) तक काम शुरू कराया गया है. वहीं पंडरा से झिरगा टोली (कांके रोड) तक की सड़क पर जल्द काम शुरू होना है. इसी तरह खेलगांव से दुर्गा सोरेन चौक व डीएवी पुंदाग से डीएवी हेहल तक की सड़क पर भी टेंडर फाइनल कर लिया गया है. अब इस पर भी काम शुरू कराने की तैयारी की जा रही है. इस तरह इनर रिंग रोड के कुल 10 चरणों में से चार चरणों का रास्ता साफ हो गया है. शेष पर कार्रवाई की जा रही है.
इटकी रोड में शुरू हुआ गर्डर व डेक स्लैब का काम
रांची. इटकी रोड में फ्लाइओवर निर्माण का काम तेज किया गया है. यहां गर्डर व डेक स्लैब का काम किया जा रहा है. वहीं पंडरा से रातू रोड तक बने फ्लाइओवर से इटकी रोड की ओर बनने वाले फ्लाइओवर से कनेक्ट करने का काम जल्द किया जायेगा. इटकी रोड में एक से डेढ़ माह में फ्लाइओवर बन जायेगा. इसका रैंप भी बनाया जा रहा है. यह अंतिम चरण में है.हाइवे प्रोजेक्ट के लिए भू-अर्जन का काम तज करने का निर्देश
रांची. राज्य में चल रहे हाइवे प्रोजेक्ट के लिए भू-अर्जन का काम जल्द होगा. इस काम को तेज करने का निर्देश राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने जिलों को दिया है. ऐसे में इन परियोजनाओं के लिए जमीन उपलब्ध हो सकेगी. इसके बाद हाइवे निर्माण का काम तेज हो सकेगा. अब तक जमीन की उपलब्धता नहीं होने के कारण प्रोजेक्ट के कार्य प्रभावित हैं. इस मामले को हाल में केंद्रीय सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी उठाया था. उन्होंने मुख्यमंत्री से जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा था.राज्य में हाइवे की कई बड़ी परियोजनाएं प्रभावित
जानकारी के मुताबिक राज्य में हाइवे की कई बड़ी परियोजनाएं प्रभावित हो गयी हैं. वाराणसी-रांची-कोलकाता परियोजना के लिए चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, रांची, बोकारो में जमीन लेनी है. वन भूमि लेने का भी मामला लटका हुआ है. वन भूमि के एवज में क्षतिपूर्ति जमीन दूसरे जगह देनी है. इतना ही नहीं कुड़ू से विंढमगंज फोर लेन परियोजना में भी जमीन लेनी है. इसमें भी परेशानी आ रही है. साथ ही काफी समय भी लग रहा है. इस कारण परियोजना का काम प्रभावित है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है