Jharkhand News: डॉ अर्चना आत्महत्या मामले का विरोध, झारखंड के डॉक्टर 2 अप्रैल को करेंगे कार्य बहिष्कार
Jharkhand News: डॉ अर्चना शर्मा ने राजस्थान के दौसा में आत्महत्या कर ली थी. वह स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत थीं. अस्पताल में प्रसव के दौरान एक प्रसूता की मौत हो गयी थी, जिसके बाद मृत महिला के परिजनों ने डॉ अर्चना और उनके पति पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था.
Jharkhand News: रांची की बेटी डॉ अर्चना की आत्महत्या के विरोध में झारखंड के डॉक्टर कल शनिवार 2 अप्रैल को कार्य बहिष्कार करेंगे. सुबह सात से शाम सात बजे तक कार्य का बहिष्कार किया जायेगा. आपको बता दें कि रांची की बेटी डॉ अर्चना शर्मा ने राजस्थान के दौसा में आत्महत्या कर ली थी. वह राजस्थान के दौसा स्थित आंनद हॉस्पिटल में स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत थीं. अस्पताल में प्रसव के दौरान 28 मार्च को एक प्रसूता की मौत हो गयी थी, जिसके बाद मृत महिला के परिजनों ने डॉ अर्चना और उनके पति पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था.
गोल्ड मेडलिस्ट थीं डॉ अर्चना
महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा इससे डिप्रेशन में आ गयी थीं. घटना के अगले दिन ही उन्होंने अपने दौसा स्थित आवास में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. डॉ अर्चना ने रिम्स से वर्ष 1998 में एमबीबीएस और गाइनी से एमडी की पढ़ाई पूरी की थी. उनको गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था.
एचइसी में काम करते थे पिता
डॉ अर्चना के पिता एचइसी में काम करते थे और उनकी सेनेट्री की दुकान है. डॉ अर्चना की एक बहन भी डॉक्टर हैं. इधर, डॉ अर्चना की आत्महत्या के विरोध में झारखंड आइएमए, एएचपीआइ, रिम्स जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन और झारखंड विप्र फाउंडेशन सहित कई संगठनों ने आवाज उठायी थी. इसके बाद कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया.
डॉक्टरों की प्रताड़ना बंद होनी चाहिए
डॉ अर्चना शर्मा ने सुसाइड नोट में लिखा है कि प्रसव के दौरान ब्लिडिंग होना आम है, जिसके लिए डॉक्टर जिम्मेदार नहीं होता है. इसके लिए डॉक्टरों को प्रताड़ित करना बंद करना चाहिए. मेरे मरने के बाद शायद मेरी बेगुनाही का प्रमाण लोगों को मिल जाये. मैं पति और बच्चों से बहुत प्यार करती हूं, इसलिए उनको तंग नहीं किया जाये.
रिपोर्ट: राजीव पांडेय