// // रांची यूनिवर्सिटी के TRL संकाय के डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो दिल्ली में विश्व के सबसे बड़े साहित्योत्सव में नागपुरी में देंगे प्रस्तुति

रांची यूनिवर्सिटी के TRL संकाय के डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो दिल्ली में विश्व के सबसे बड़े साहित्योत्सव में नागपुरी में देंगे प्रस्तुति

रांची के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकाय के शोधार्थियों की बैठक संकाय परिसर स्थित पद्मश्री डॉ रामदयाल मुण्डा अखड़ा में हुई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 12, 2024 11:03 PM

रांची : साहित्य अकादमी दिल्ली का ‘‘साहित्योत्सव 2024’’ विश्व का सबसे बड़ा साहित्य उत्सव में 175 सत्रों में 175 भाषाओं के प्रतिनिधियों के रूप में 1100 लेखक, विद्वान और विशिष्ठ व्यक्तित्वों की प्रतिभागिता 11 से 16 मार्च 2024 के मध्य रवींद्र भवन परिसर, नई दिल्ली में हो रही है. यह आयोजन विश्व का सबसे बड़ा साहित्य उत्सव है. सम्मेलन में झारखंड आंदोलनकारी, प्राध्यापक सह साहित्यकार बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो को भी आमंत्रित किया गया है, जो 14 मार्च को अपनी भाषा नागपुरी में प्रस्तुति देंगे. साहित्योत्सव में डॉ महतो के चयन होने से पूरे टीआरएल संकाय के साथ साथ पूरे झारखंड के भाषा प्रेमियों और साहित्यकारों में खुशी की लहर है। नागपुरी भाषा के विभागाध्यक्ष डॉ सविता केशरी, डॉ रीझू नायक, डॉ खालिक अहमद, डॉ रामजय नायक, युगेश प्रजापति, आलोक कुमार मिश्रा, मोनिका मुण्डा, स्वेता कुमारी, प्रीति मुण्डा, डॉ किशोर सुरिन, डॉ नन्दकिशोर साहु, डॉ मंजय प्रमाणिक ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि विश्व का सबसे बड़ा साहित्योत्सव में नागपुरी भाषा व साहित्य को मंच मिलना अपने आप में एक इतिहास है. इससे झारखंड की सबसे बड़ी आदिवासी व मूलवासियों की संपर्क भाषा नागपुरी को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने में बल मिलेगा। नागपुरी भाषा के प्रति लोगों का रूझान बढ़ेगा.
डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो ने बताया कि बहुभाषी कवि और कहानी-पाठ, युवा साहिती, अस्मिता, पूर्वोत्तरी जैसे नियमित कार्यक्रमों के अलावा भारत का भक्ति साहित्य, भारत में बाल साहित्य, भारत की अवधारणा, मातृभाषाओं का महत्व, आदिवासी कवि एवं लेखक सम्मिलन, भविष्य के उपन्यास, भारत में नाट्य लेखन, भारत की सांस्कृतिक विरासत, भारतीयों भाषाओं में विज्ञान कथा साहित्य, नैतिकता और साहित्य, भारतीय साहित्य में आत्मकथाएं, साहित्य और सामाजिक आंदोलन, विदेशों में भारतीय साहित्य जैसे अनेक विषयों पर परिचर्चा और परिसंवाद होंगे.

टीआरएल संकाय में बना शोधार्थी संघ


रांची के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकाय के शोधार्थियों की बैठक संकाय परिसर स्थित पद्मश्री डॉ रामदयाल मुण्डा अखड़ा में हुई. इस बीच संकाय के शोधार्थियों का एक संघ बनाया गया। बैठक की अध्यक्षता नागपुरी भाषा के विजय आनन्द जबकि संचालन खोरठा विभाग के शोधार्थी अजय कुमार दास द्वारा किया गया. प्रस्तावक के रूप में कुँड़ुख विभाग के सुखराम उराँव रहे. टीआरएल संकाय के शोधार्थी संघ के नवनियुक्त पदाधिकारियों में युवराज कुमार साहु को अध्यक्ष, माणिक कुमार, सरिता कुमारी को उपाध्यक्ष, श्रीकांत गोप को महासचिव, सुखराम उराँव को सचिव, सेरोफिना हेम्ब्रम को संयुक्त सचिव, नीरज कुमार महतो को उप-सचिव, बब्लू कुमार, श्याम सुन्दर यादव को कोषाध्यक्ष, सोनू सपवार को मिडिया प्रभारी, कुमार चाणक्य, अजय कुमार दास, पाडू राम हाइबुरु को प्रवक्ता एवं विक्की मिंज को सोसल मिडिया प्रभारी बनाया गया. इनके अलावा प्रियंका उरांव, शिला उरांव, चंचला कुमारी, जगदीश उरांव, नेहा कमारी व मोहित सेठ को कार्यकारी सदस्य के रूप में चयनित किया गया.

टीआरएल संकाय के समन्वयक ने दी बधाई


टीआरएल संकाय के समन्वयक डॉ हरि उराँव ने सभी चयनित पदाधिकारियों व सदस्यों को बधाई दी। साथ ही चयनित पदाधिकारियों को शोधार्थियों की समस्याओं के प्रति जागरूक रहने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि शोधार्थी संघ बनने से शोधार्थियों की विभिन्न समस्याओं को सुलझाने व गुणवत्तायुक्त शोध कार्य के सफल संचालन में बल मिलेगा. संघ नवनिर्वाचित अध्यक्ष युवराज कुमार साहु ने कहा कि शोधार्थियों की हर समस्याओं का समाधान संघ के माध्यम से करने का प्रयास किया जायेगा. मौके पर टीआरएल संकाय के नवो भाषाओं के शोधार्थी मौजूद थे.

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