डॉ बीपी केशरी जयंती समारोह: केशरी काव्यांजलि का लोकार्पण, डॉ खालिक अहमद व मनपूरन नायक हुए सम्मानित
गीत-कविता समीक्षा संग्रह केशरी काव्यांजलि और राकेश रमण की पुस्तक घाव करे गंभीर का लोकार्पण किया गया. डॉ केशरी के दामाद विजय केशरी ने घोषणा की कि डॉ केशरी की लिखी सभी पुस्तकें वेबसाइट पर निःशुल्क उपलब्ध होंगी. आज वेबसाइट बीपी केसरी के नाम से लॉन्च की गयी.
पिठोरिया(रांची): झारखंड आंदोलन में सांस्कृतिक और भाषाई जागरण के अगुवा डॉ बिशेश्वर प्रसाद केशरी की 90वीं जयंती के मौके पर शिक्षाविद, संस्कृतिकर्मी, रिसर्च स्कॉलर और नागपुरी भाषा-भाषियों का महाजुटान रविवार को पिठोरिया स्थित नागपुरी संस्थान शोध एवं प्रशिक्षण केंद्र में हुआ. इस मौके पर डॉ बी पी केशरी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा हुई. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ त्रिवेणी नाथ साहू ने कहा कि झारखंडी अस्मिता और चेतना को जगाने में डॉ बी पी केशरी की महती भूमिका है. डॉ रामदयाल मुंडा और डॉ बीपी केशरी के प्रयास से 1980 में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग का गठन हुआ था. इसके बाद झारखंड आंदोलन को सांस्कृतिक और बौधिक चेतना प्राप्त हुई. मौके पर गीत-कविता समीक्षा संग्रह केशरी काव्यांजलि और राकेश रमण की पुस्तक घाव करे गंभीर का लोकार्पण किया गया. डॉ केशरी के दामाद विजय केशरी ने घोषणा की कि डॉ केशरी की लिखी सभी पुस्तकें वेबसाइट पर निःशुल्क उपलब्ध होंगी. आज वेबसाइट बीपी केसरी के नाम से लॉन्च कर दी गयी. आपको बता दें कि 1 जुलाई को डॉ बीपी केशरी की जयंती मनायी जाती है.
सियासी साधु थे डॉ बीपी केशरी
फिल्मकार मेघनाथ ने कहा कि डॉ बीपी केशरी राजनैतिक साधु थे. वह जब इस दुनिया से विदा हुए तो उनके पास चारपाई, लोटा और किताबें थीं. उन्होंने झारखंड में सांस्कृतिक चेतना गढ़ी और उसे आगे बढ़ाया. झारखंड आंदोलनकारी और गीतकार पद्मश्री मधु मंसूरी ने कहा कि बीपी केशरी की छवि झारखंड में राममनोहर लोहिया की तरह थी. झारखंड आंदोलन में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. पद्मश्री मुकुंद नायक ने कहा कि डॉ केशरी ने झारखंड आंदोलन को सांस्कृतिक धार देने का काम किया.
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बीपी केसरी के नाम से वेबसाइट लॉन्च
शिक्षक कन्हाई कुमार ने कहा कि डॉ केशरी खामियां नहीं खूबियों की तलाश करते थे. वह लोगों को प्रोत्साहित करते थे. साहित्यकार डॉ कृष्ण कलाधर ने कहा कि डॉ केशरी का व्यक्तित्व ऐसा था कि लोग स्वतः उनकी ओर खींचे चले आते थे. मौके पर गीत-कविता समीक्षा संग्रह केशरी काव्यांजलि और राकेश रमण की पुस्तक घाव करे गंभीर का लोकार्पण किया गया. डॉ केशरी के दामाद विजय केशरी ने घोषणा की कि बीपी केशरी की लिखी सभी पुस्तकों को वेबसाइट पर निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा. आज वेबसाइट बीपी केसरी के नाम से लॉन्च कर दी गयी है और उनकी किताब नागपुरी कवि और उनका काव्य पाठकों के लिए उपलब्ध है. इससे शोधार्थियों और नागपुरी भाषा-भाषियों को जानकारी हासिल करने में सहूलियत होगी.
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डॉ खालिक अहमद व मनपूरन नायक सम्मानित
साहित्यकार डॉ खालिक अहमद को डॉ बिशेश्वर प्रसाद केसरी साहित्य सम्मान और मांदर सम्राट मन पूरन नायक को डॉ बिशेश्वर प्रसाद केसरी कला सम्मान से सम्मानित किया गया. इसके साथ ही पढ़ाई में बेहतर करने वाले दर्जनभर छात्र-छात्राओं को बीपी केशरी मेधा सम्मान से भी सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का संचालन डॉ हरीश कुमार चौरसिया और धन्यवाद ज्ञापन सविता केशरी के द्वारा किया गया. कार्यक्रम में प्रदीप महतो, डॉ सीमा केशरी, डॉ सुनीता केशरी, डॉ संजय केशरी, दीपक चौरसिया, शेखर कुमार, सुजीत केशरी, मुकेश रंजन, इग्नेश कुमार, राजेश साहू, डॉ योगेश महतो सहित अन्य उपस्थित थे.