झारखंड के डॉ गिरधारी राम गौंझू को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान, लेखन के क्षेत्र में लगातार रहे सक्रिय

jharkhand news: झारखंड के प्रख्यात साहित्यकार, शिक्षाविद एवं संस्कृतिकर्मी डॉ गिरिधारी राम गौंझू को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान मिलने की घोषणा हुई. डाॅ गौंझू हिंदी और नागपुरी भाषा के जानकार थे. वहीं रांची विश्वविद्यालय जनजातीय भाषा विभाग में प्राध्यापक रह चुके थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2022 9:52 PM
an image

Jharkhand news: झारखंड के प्रख्यात शिक्षाविद, साहित्यकार एवं संस्कृतिकर्मी डॉ गिरिधारी राम गौंझू को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान से नवाजे जाने की घोषणा हुई है. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार की ओर से पद्म पुरस्कारों (Padma awards) की घोषणा के तहत डॉ गौंझू के नाम की घोषणा हुई. डॉ गौंझू झारखंड रत्न समेत कई अन्य सम्मान से सम्मानित हो चुके थे. 15 अप्रैल, 2021 को उनका निधन हो गया था.

5 दिसंबर, 1949 को हुआ था जन्म

खूंटी के बेलवादाग गांव में 5 दिसंबर, 1949 को जन्मे डॉ गौंझू के पिता का नाम इंद्रनाथ गौंझू एवं माता का नाम लालमणि देवी था. वर्ष 1975 में गुमला के चैनपुर स्थित परमवीर अलबर्ट एक्का मेमोरियल कॉलेज से अध्यापन कार्य शुरू किये थे. यहां वे वर्ष 1978 तक रहे. इसके बाद रांची के गोस्सनर कॉलेज, रांची कॉलेज रांची और रांची यूनिवर्सिटी स्नातकोत्तर जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में दिसंबर 2011 में बतौर अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त हुए. डॉ गौंझू एक मंझे हुए लेखक रहे. इनकी अब तक 25 से भी पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. इसके अलावा कई नाटकें भी लिखी हैं.

लेखन के क्षेत्र में लगातार रहे सक्रिय

सरल व मिलनसार स्वभाववाले डॉ गोंझू प्रभात खबर द्वारा प्रकाशित माय माटी के नियमित लेखक भी रहे. इनकी लगभग 25 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. इन्होंने कई नाटकें भी लिखीं. इनकी प्रमुख रचना में झारखंड की सांस्कृतिक विरासत, नागपुरी के प्राचीन कवि, रूगड़ा-खुखड़ी, सदानी नागपुरी सगरी व्याकरण, नागपुरी शब्दकोश, झारखंड के लोकगीत, झारखंड के वाद्ययंत्र, मातृभाषा की भूमिका, ऋतु के रंग मांदर के संग, महाबली राधे कर बलिदान, झारखंड का अमृत पुत्र : मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा, महाराजा मदरा मुंडा, अखरा निंदाय गेलक नाट्य रचना, कहानी संग्रह, कविता संग्रह आदि शामिल हैं

Also Read: Republic Day 2022: गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति पदक से सम्मानित होंगे झारखंड के एडीजी संजय आनंद लाठकर
झारखंड बनने के बाद 21 लोगों को मिल चुका है पद्मश्री सम्मान

नाम : वर्ष : क्षेत्र
डॉ परशुराम मिश्रा : 2000 : साइंस एंड इंजीनियरिंग
गुरु केदार नाथ साहू : 2005 : कला
पंडित गुरु श्यामा चरण पति : 2006 : कला
मंगला प्रसाद मोहंती : 2008 : कला
महेंद्र सिंह धौनी : 2009 : खेल
डॉ राम दयाल मुंडा : 2010 : कला
पंडित गोपाल प्रसाद दुबे : 2012 : कला
प्रेमलता अग्रवाल : 2013 : खेल
अशोक भगत : 2015 : समाजसेवा
दीपिका कुमारी : 2016 : खेल
सिमोन उरांव : 2016 : पर्यावरण संरक्षण
बलबीर दत्त : 2017 : साहित्य और शिक्षा
मुकुंद नायक : 2017 : कला
प्रो दिगंबर हांसदा : 2018 : साहित्य और शिक्षा
बुल्लू इमाम : 2019 : समाजसेवा
प्रो डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी : 2019 : स्वास्थ्य
जमुना टुडू : 2019 : समाजसेवा
गुरु शशधर आचार्य : 2020 : कला
मधु मंसूरी हंसमुख : 2020 : कला
छुटनी देवी : 2021 : समाजसेवा

Posted By: Samir Ranjan.

Exit mobile version