27 अक्तूबर 2022 की शाम थी. दुमका उपचुनाव के समय मैं और प्रभाकर तिर्की शाम सात बजे सीएम हेमंत सोरेन जी से मिलकर वन विश्रामागार लौटे ही थी कि राज्य के एक वरीय आइएएस अधिकारी का फोन आया. आइएएस अधिकारी ने सरना धर्म कोड पर कैबिनेट नोट फोन कर तैयार करने का आग्रह किया. उन्होंने बताया कि दो दिन बाद कैबिनेट की बैठक में सरना धर्म कोड का प्रस्ताव झारखंड सरकार लायेगी.
हमने और प्रभाकर तिर्की ने अधिकारी से कहा भी कि तुरंत तो मुश्किल है. सरना धर्म पर आदिवासी बुद्धिजीवियों, धर्म गुरुओं, संस्थाओं और संगठनों से सलाह मशविरा किये बिना संभव भी नहीं है. उस अधिकारी ने हम लोगों से आग्रह किया कि जिनसे भी सलाह और बातचीत करनी पड़े कीजिए, लेकिन आज ही रात सरना धर्म कोड का कैबिनेट नोट तैयार कर दीजिए.
हमें याद है कि उसी रात करीब 7.30 बजे शाम को सबसे पहले हम लोगों ने आदरणीय डॉ करमा उरांव जी से संपर्क किया और उन्हें सब बताया कि झारखंड सरकार मतलब हेमंत सोरेन जी ने हम सबको खबर भिजवायी है. हालांकि डॉ करमा उरांव जी से आदिवासी और झारखंडी मामलों, सवालों और ज्वलंत मुद्दों पर हमेशा चर्चा होती रहती थी.
डॉ करमा उरांव हम लोगों की पूरी बात सुनकर बहुत ही खुश हुए और कहा कि अगर हेमंत बाबू ने सरना धर्म कोड पर स्टैंड लिया है. सरना धर्म कोड झारखंड में लागू करने की पहल कर रहे हैं, तो निश्चित रूप से गुरुजी के सपनों के झारखंड के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा. मुझे अच्छी तरह याद है कि डॉ करमा उरांव ने उसी वक्त कहा कि ऑनलाइन हम लोग सभी मुद्दों पर चर्चा करते हुए सरना धर्म कोड की नियमावली और कैबिनेट नोट तैयार करेंगे. विश्वास नहीं होगा कि करीब तीन-चार घंटे तक डॉ करमा उरांव हम लोगों से लगातार जुड़े रहे और रात 12 बजे तक हम लोगों को सुझाव देते रहे.
(रतन तिर्की ने जैसा बताया.)