रांची के डॉक्टर ने बनाया पोर्टेबल फुटब्रिज, अंतरराष्ट्रीय इनोवेशन पेटेंट से मिली मंजूरी
रांची के एमिटी यूनिवर्सिटी के मेकैनिकल एंड ऑटोमेशन इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. राहुल सिंह ने पोर्टेबल फुटब्रिज तैयार किया है. उनके इनोवेटिव आइडिया काे इंटरनेशनल इनोवेशन पेटेंट 2022 से मंजूरी मिल गयी. पोर्टेबल फुटब्रिज को 5 से 7 मीटर की दूरी पर पुल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
Ranchi news: एमिटी यूनिवर्सिटी के मेकैनिकल एंड ऑटोमेशन इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. राहुल सिंह ने पोर्टेबल फुटब्रिज तैयार किया है. डॉ राहुल के इनोवेटिव आइडिया काे इंटरनेशनल इनोवेशन पेटेंट 2022 से मंजूरी मिल गयी है. पोर्टेबल फुटब्रिज को पांच से सात मीटर की दूरी पर पुल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि पोर्टेबल फुटब्रिज स्ट्रक्चर के रूप में तैयार ब्रिज को जरूरत पर आसानी से एक-जगह से दूसरी जगह स्थापित किया जा सकता है.
पोर्टेबल फुटब्रिज का इस्तेमाल
डॉ. राहुल ने बताया कि पोर्टेबल फुटब्रिज का इस्तेमाल सैन्य अभियानों, आपदा प्रबंधन (बाढ़, भूकंप, अग्निशमन) और क्षतिग्रस्त पुल के विकल्प के रूप में हो सकता है. यह आइडिया ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर क्षतिग्रस्त होनेवाले पुल को ध्यान में रखकर तैयार किया गया. इसकी डिजाइन को कम लागत, हल्के वजन और 100 से 120 किलोग्राम भार वहन करने की क्षमता के साथ तैयार किया गया है. प्रत्येक माड्यूल में 1.5 मीटर (लंबाई) और 0.5 मीटर (चौड़ाई) के दो से तीन आयाम होंगे. इसमें पहिया भी लगाया जा सकता है़ डॉ राहुल बीआइटी मेसरा के पूर्ववर्ती छात्र रहे हैं. उन्होंने करीब दो वर्ष में फुटब्रिज तैयार किया है.
आज प्रेस क्लब में ‘हिंदी हैं हम’ कार्यक्रम, प्रियदर्शन होंगे शामिल
हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जायेगा. इसकी पूर्व संध्या पर 13 सितंबर को द रांची प्रेस क्लब सभागार में ‘हिंदी है हम…’ संगोष्ठी होगी. यह आयोजन दोपहर 2:30 बजे शुरू होगा. संगोष्ठी का विषय है : पत्रकारिता और हिंदी़ कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार बैजनाथ मिश्र करेंगे. मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद व साहित्यकार डॉ महुआ माजी होंगी. मुख्य वक्ता एनडीटीवी के संपादक व लेखक प्रियदर्शन विचार पेश करेंगे. आलेख पाठ पत्रकार शहरोज कमर करेंगे.
बिरसा कृषि विवि के दो तालाबों में होगा मछलीपालन, टेंडर निकाला
बिरसा कृषि विवि अंतर्गत दो तालाबों में मछली पालन किया जायेगा. इनमें सरपेंटाइन झील और गुलैची तालाब शामिल है. विवि अंतर्गत बीज निदेशालय ने टेंडर भी जारी कर दिया है. टेंडर 22 और 23 सितंबर को खोला जायेगा. मछली पालन के लिए विवि प्रशासन ने नियम व शर्तें भी जारी की है. सरपेंटाइल झील में मछली मारने के लिए विष, डाइनामाइट या अन्य विषैला पदार्थ का प्रयोग नहीं करना है. तालाब के पानी का उपयोग विवि करेगा. इतना ही नहीं तालाब के पास असामाजिक तत्वों पर पाबंदी रहेगी. तीन वर्ष के लिए झील का न्यूनतम दर सात लाख 50 हजार रुपये है. गुलैची तालाब के लिए समान नियम व शर्तों के अलावा न्यूनतम दर 6.90 लाख है.