कॉलेज या विवि कैंपस को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है. एक ऐसी जगह, जहां विद्यार्थियों को व्यक्तित्व विकास का मौका मिलता है. इसे स्वच्छ रखना विवि प्रशासन और वहां पढ़नेवाले विद्यार्थियों की जिम्मेदारी होती है. लेकिन डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय यानी डीएसपीएमयू की मोरहाबादी स्थित नयी एकेडमिक बिल्डिंग को देखने के बाद यह सपना बिखरता प्रतीत होता है. यह बिल्डिंग भले ही ऊपर से चकाचक और चमकती नजर आती हो, लेकिन इसकी अंदरूनी तस्वीर बिगाड़ दी गयी है.
इस वर्ष जून महीने में ही यहां सभी वोकेशनल कोर्स के विभाग शिफ्ट किये गये हैं. लेकिन मात्र तीन महीने में ही इस बिल्डिंग की शक्ल-ओ-सूरत बिगाड़ कर रख दी गयी है. शरारत कहिये या लापरवाही, एकेडमिक बिल्डिंग में कई जगहों की स्थिति खराब कर दी गयी है, जबकि यहां हजारों की संख्या में विद्यार्थी पढ़ते हैं. रिपोर्ट दिवाकर सिंह की.
लगभग 35 करोड़ की लागत से बनी यह बिल्डिंग चार फ्लोर की है. 70 क्लास रूम हैं. इसके अलावा गर्ल्स और ब्वॉयज के लिए अलग-अलग जिम के लिए जगह है. हालांकि यह अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. वहीं हर फ्लोर पर कंप्यूटर लैब, 250 क्षमता का सेमिनार हॉल और गर्ल्स व ब्वॉयज के लिए अलग-अलग कॉमन रूम है. हर फ्लोर पर फैकल्टी रूम है.
इसमें नेट की सुविधा सहित 32-32 कंप्यूटर लगे हुए हैं, जिससे फैकल्टी क्लास लेने से पहले या बाद में खुद को अपडेट रखने का काम करते हैं. वहीं यहां पीजी स्तर के कोर्सों में एमबीए, एमसीए, एलएलएम और एमएससी आइटी शामिल हैं. यूजी स्तर के कोर्सों में सीए, आइटी, बीबीए, माइक्रोबायोलॉजी, जर्नलिज्म और एनवॉयरमेंटल साइंस शामिल हैं. इसके अलावा सर्टिफिकेट कोर्स में अमानत कोर्स शामिल हैं.
नये कैंपस में इस तरह की चीजें देखने को मिली हैं. इसमें सुधार किया जा रहा है. इसके लिए दोनों गार्ड को विशेष हिदायत भी दी गयी है कि ऐसी घटना फिर कभी नहीं हो. इसमें सुधार किया जा रहा है और सख्ती के साथ अनुशासन का पालन करने के लिए कहा गया है.
डॉ तपन कुमार शांडिल्य, कुलपति, डीएसपीएमयू
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वोकेशनल के विद्यार्थियों को विवि की ओर से शानदार कैंपस दिया गया है. पर दुर्भाग्य देखिये कि तीन महीने में ही एक से दो फ्लोर के बाथरूम में बेसिन के नल गायब कर दिये गये हैं. वहीं बाथरूम के स्विच बोर्ड को भी तोड़ दिया गया है. केवल इतना ही नहीं, बाथरूम में बड़े अक्षरों में गंदे शब्द लिख दिये गये हैं. छात्राओं के बाथरूम में भी कुछ अटपटे चित्र बना दिये गये हैं. स्थिति ऐसी हो गयी है कि कोई भी बाथरूम तक नहीं जा सकता है.
विद्यार्थियों के द्वारा पूरी बिल्डिंग पिकदान बना दी गयी है. इस कैंपस में गुटखा खाकर गैलरी में थूकना आम बात हो गयी है. यही नहीं, लिफ्ट में भी किसी ने गुटखा खाकर थूक दिया है. वहीं कहीं-कहीं दीवारों में दरार भी आ गयी है, जबकि इस बिल्डिंग में दो तरफ से प्रवेश द्वार हैं. इसकी निगरानी के लिए दो गार्ड भी तैनात किये गये हैं. इसके बाद भी कैंपस में तरह-तरह के नजारे सामने आ रहे हैं. गार्ड बिना यूनिफॉर्म के आने वाले को भी प्रवेश करने देते हैं. जिससे कोई बाहरी व्यक्ति भी अंदर आसानी से प्रवेश कर सकता है.