रांची. डीएसपीएमयू में हेरिटेज सोसाइटी और डीएसपीएमयू के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय ग्लोबल हेरिटेज कॉन्क्लेव की शुरुआत की गयी. इसका मुख्य विषय जनजातीय धरोहर है. उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि जनजातीय धरोहर और संस्कृति को केवल संग्रहालयों तक ही सीमित नहीं रखा जाये, बल्कि उनकी विशेषताओं से लोगों को अवगत कराया जाये.
परंपरा और विरासत को सुरक्षित रखा
अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने जनजातियों की विशेषताओं के संबंध में कहा कि उन्होंने अपनी परंपरा और विरासत को सुरक्षित रखा है, जो उनमें पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित हो रही है. उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय के जीवन में उनकी कला-संस्कृति और लोकनृत्य अहम भूमिका निभाते हैं. जिनके द्वारा वह अपनी संस्कृति को संरक्षित रखते हैं. उदघाटन सत्र के बाद डॉ रत्ना सिंह द्वारा लिखित पुस्तक थारू जनजाति एक विमर्श का विमोचन किया गया. इस कॉन्क्लेव में मुख्य वक्ता के रूप में भारत अध्ययन केंद्र बीएचयू के सदस्य प्रो विजय कुमार शुक्ला, आइसीपीआर नयी दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ सच्चिदानंद मिश्र, डॉ रवींद्र कुमार चौधरी सहित अन्य मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है