डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि के पूर्व कुलपति के कार्यकाल में कितने रूपये हुए खर्च, होगी जांच, जानें मामला

पूर्व वीसी के तीन माह के खर्च की होगी जांच. बिना टेंडर पूर्व कुलपति ने कर दिये एक करोड़ रुपये से अधिक खर्च. तीन माह के दौरान कुलपति को केवल रूटीन कार्य का ही था अधिकार

By Prabhat Khabar News Desk | September 11, 2021 10:45 AM
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Jharkhand News, Ranchi News रांची : डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि के पूर्व कुलपति डॉ एसएन मुंडा के तीन माह के कार्यकाल के दौरान किये गये खर्च की जांच होगी. इसका आदेश वर्तमान कुलपति डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने दिया है. इसका कारण है कि तीन महीने के दौरान पूर्व कुलपति को केवल रूटीन कार्य करने का ही अधिकार था. उनका वित्तीय अधिकार रोक दिया गया था. इसके बावजूद विश्वविद्यालय में करोड़ों रुपये खर्च किये गये हैं और इस खर्च के लिए विवि की ओर से किसी भी प्रकार का टेंडर भी नहीं निकाला गया है.

अलग-अलग तरीके से खर्च की गयी राशि :

डीएसपीएमयू के पूर्व कुलपति ने इन तीन महीनों (17 मई से 17 अगस्त) तक विवि में अलग-अलग तरीके से खर्च किये हैं. इसमें सीनेट का आयोजन, रंगाई-पुताई के अलावा विवि से संबंधित अन्य काम शामिल हैं. इन कामों को करने के लिए प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. इस कारण मामला जांच के दायरे में आया. अब जांच के बाद ही पता चलेगा कि तीन महीने के दौरान किया गया खर्च सही था या गलत.

पूर्व कुलपति द्वारा बहाल आठ लोग भी हटाये गये :

डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने 18 अगस्त को प्रभारी कुलपति के रूप में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि का प्रभार ग्रहण किया था. इसके कुछ ही दिन बाद उन्होंने पूर्व कुलपति डॉ एसएन मुंडा द्वारा बहाल किये गये आठ कर्मचारियों को हटाने का आदेश दिया.

इन कर्मचारियों की नियुक्ति में नियमों की अनदेखी की गयी थी. न तो इनका इंटरव्यू लिया गया और न ही बहाली के लिए विज्ञापन जारी किया गया. इसके अलावा पूर्व कुलपति ने अपने कार्यकाल के दौरान चार शिक्षकों के लिए 40-40 हजार रुपये निश्चित मानदेय निर्धारित किया था, जबकि अन्य शिक्षकों को प्रति घंटी 600 रुपये का भुगतान किया जाता है.

Posted By : Sameer Oraon

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