झारखंड के जिलों में एक ही दिन में 120 ऑपरेशन करने वाले डॉ एसएस माल ने की आत्महत्या
झारखंड के विभिन्न जिलों में एक ही दिन में आयुष्मान योजना के तहत 120 रोगियों का ऑपरेशन करने के आरोपों से घिरे डॉ सौभिक समा माल ने मंगलवार को जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली है
कोलकाता/रांची/भागलपुर/दुमका : झारखंड के विभिन्न जिलों में एक ही दिन में आयुष्मान योजना के तहत 120 रोगियों का ऑपरेशन करने के आरोपों से घिरे डॉ सौभिक समा माल ने मंगलवार को जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली है. कोलकाता महानगर के फूलबागान इलाके में नेत्र चिकित्सक डॉ सौभिक समा माल (36) का शव उनके कमरे में पाया गया. वह डायमंड हार्बर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नेत्र विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर पोस्टेड थे. घटना सुरेन सरकार रोड में मंगलवार दोपहर 1:45 बजे को हुई. पुलिस सूत्रों के मुताबिक मंगलवार दोपहर को उनको अचेत अवस्था में कमरे में पाया गया. उनके मुंह से सफेद झाग निकल रहा था. तुरंत घरवालों से खबर पाकर उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. मृतक के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. उनकी मौत को लेकर परिवार के सदस्यों से भी पुलिस पूछताछ कर रही है. डॉ माल के साथ ही दुमका स्थित भारती अस्पताल के संचालक के खिलाफ झारखंड के अलग-अलग जिलों में मोतियाबिंद का एक ही दिन में 120 ऑपरेशन करने का फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपये सरकारी पैसे का गबन करने के मामले में दुमका में 23 जून को प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. हालांकि पुलिस की ओर से अभी कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. लेकिन डॉ माल और भारती अस्पताल के संचालक सह दुमका की पूर्व नगर अध्यक्ष के देवर आशीष रक्षित का एक ही दिन आत्महत्या करना सवाल खड़े करता है.
इसके पीछे की वजह क्या है, यह पुलिस की जांच के बाद ही सामने आ सकता है.क्या था ऑपरेशन का गड़बड़झालाआयुष्मान भारत योजना से सूचीबद्ध विभिन्न अस्पतालों में डॉ माल पर एक ही दिन में सरायकेला, रांची से लेकर दुमका तक में एक सौ ज्यादा अॉपरेशन करने का आरोप लगा था. तीन मार्च 2019 को डॉक्टर द्वारा पाकुड़ में 24, दुमका में 78, जामताड़ा में छह, सरायकेला में 12 यानी 120 अॉपरेशन करने का आरोप लगा था. डॉ माल ने दो नवंबर 2018 से लेकर 23 दिसंबर 2019 तक झारखंड के 10 जिलों में अांख के कुल 2061 अॉपरेशन किये थे.
एक साथ इतनी संख्या में अॉपरेशन कैसे किया गया, इसे लेकर आयुष्मान भारत के लिए गठित राज्य आरोग्य समिति ने संबंधित अस्पतालों को संबंद्धता सूची से हटाते हुए डॉक्टर के खिलाफ जांच का आदेश दिया था. मामला संज्ञान में आते ही स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने एसीबी से जांच कराने का आदेश दिया था. हालांकि इस मामले में दुमका में प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है. इस बाबत पूछे जाने पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी ने बताया कि डॉ माल निजी अस्पतालों के डॉक्टर थे.
जब उनसे पूछताछ की गयी, तो उन्होंने बताया था कि उनके नाम का फर्जी हस्ताक्षर का इस्तेमाल निजी अस्पतालों ने किया और फर्जी तरीके से आयुष्मान भारत योजना के तहत अॉपरेशन का बिल मांग रहे थे. उन्होंने कहा भी था कि एक ही दिन में यह संभव नहीं है. इसके बाद मामले पर प्राथमिकी दर्ज हुई. जिन अस्पतालों में ऑपरेशन हुए थे, उन अस्पतालों को संबंद्धता सूची से हटा दिया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.