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Ranchi News : स्वतंत्रता सेनानियों का चित्र प्रामाणिकता के साथ बनायें : चमरा लिंडा

टीआरआइ में जनजातीय चित्रकार शिविर का उद्घाटनजनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के गौरव को चित्रों में उकेरने की अनूठी पहल

रांची. कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि सरकार झारखंड की जनजातीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है. झारखंड की जनजातीय कला और संस्कृति को संजोने और जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के गौरवशाली इतिहास को चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित करने के उद्देश्य से ही राज्य स्तरीय जनजातीय चित्रकार शिविर का आयोजन किया जा रहा है. चित्रकारों से अनुरोध है कि वह जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के चित्रों को प्रामाणिकता के साथ बनायें. उसमें वास्तविकता का पुट हो. मंत्री चमरा लिंडा ने उक्त बातें बुधवार को डॉ राम दयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान में जनजातीय चित्रकार शिविर के उद्घाटन के अवसर पर कही. शिविर का आयोजन जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार एवं झारखंड सरकार के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है. यह शिविर एक फरवरी तक चलेगा.

स्वतंत्रता सेनानियों की गाथा जन-जन तक पहुंचाने की पहल

कल्याण मंत्री ने कहा कि झारखंड के जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों का संघर्ष हमारी अस्मिता और प्रेरणा का प्रतीक है. उनकी शौर्यगाथा को कला के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाना आवश्यक है. इस चित्रकार शिविर के माध्यम से हमें उन वीर सेनानियों की वीरता को पुनः जीवंत करने का अवसर मिला है. संस्थान की उप निदेशक मोनिका रानी टूटी ने बताया कि इस वर्ष धरती आबा बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का उत्सव मनाया जा रहा है. इस उपलक्ष्य में झारखंड के वीर जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के चित्रांकन हेतु यह आयोजन किया गया है. इस शिविर का मुख्य उद्देश्य झारखंड के जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों जैसे बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हो, चांद-भैरव, तिलका मांझी, वीर बुधु भगत, नीलांबर-पीतांबर सहित अन्य अमर योद्धाओं के संघर्ष और योगदान को चित्रों के माध्यम से जीवंत करना है. साथ ही उनकी प्रामाणिक तस्वीरें जारी करना है, जो मानक का काम कर सके. इस शिविर में झारखंड के वरिष्ठ एवं युवा जनजातीय चित्रकार हिस्सा ले रहे हैं. ये चित्रकार चित्रकला की विभिन्न शैलियों सोहराई, कोहबर, पिठौरा, गोंड, वारली में तस्वीरें बनायेंगे. शिविर के अंत में सभी चित्रों की प्रदर्शनी लगायी जायेगी. इन चित्रों को झारखंड के सरकारी कार्यालयों, संग्रहालयों और सार्वजनिक स्थलों पर स्थापित करने की योजना है. जिससे आने वाली पीढ़ियां अपने इतिहास से अवगत हो सके. इस अवसर पर टीसीडीसी प्रबंध निदेशक नियोलसन बागे, कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा सहित अन्य उपस्थित थे.

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