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court news : रांची स्टेशन में स्टॉल के मामले में डीआरएम का आदेश व टेंडर निरस्त

हाइकोर्ट से 75 साल की विधवा महिला को 10 वर्षों के बाद मिला न्याय

वरीय संवाददाता, रांची़ झारखंड हाइकोर्ट ने रांची रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-एक पर मां का आशीर्वाद साउथ इंडियन स्टॉल हटाने के मामले में दायर याचिका पर अपना फैसला सुनाया. एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने याचिका को स्वीकार कर लिया. साथ ही रांची रेलवे स्टेशन में मां का आशीर्वाद स्टॉल के मामले में डीआरएम का आदेश व टेंडर प्रक्रिया को निरस्त कर दिया. खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि वर्ष 2010 की रेलवे की पॉलिसी व सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में प्रार्थी के मामले में कार्रवाई होनी चाहिए. पूर्व में 29 अगस्त को सुनवाई पूरी होने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंह ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया था कि प्लेटफॉर्म नंबर-एक पर मां का आशीर्वाद नामक साउथ इंडियन स्टॉल का बतौर लाइसेंसधारी कलावती देवी अपने पति के निधन के बाद वर्ष 2000 से 20 जुलाई 2015 तक विधिपूर्वक संचालन करती रही. 21 जुलाई 2015 को उनके स्टॉल में प्रार्थी को बाहर निकाल कर ताला लगा दिया गया. इससे 75 वर्षीय विधवा महिला के जीविकोपार्जन का एकमात्र सहारा छीन गया, जिसके चलते प्रार्थी पाई-पाई के लिए मोहताज हो गयी. तीन साल तक रेलवे अधिकारियों से अनुरोध करने के बाद भी उसे न्याय नहीं मिला. उसने झारखंड हाइकोर्ट में याचिका दायर की. 14 मार्च 2024 एकल पीठ ने आदेश पारित कर तीन माह के अंदर रेलवे को विचार कर नियमानुसार स्टॉल का लाइसेंस नवीनीकरण करने को कहा, लेकिन उसका पालन नहीं किया गया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी कलावती देवी ने याचिका दायर कर रेलवे की कार्रवाई को चुनाैती दी थी.

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