राज्य में लगातार दूसरे साल सुखाड़ की स्थिति, झारखंड सरकार ने केंद्र को दी जानकारी, मिला ये जवाब

इस अवधि तक झारखंड में 40 फीसदी खेतों में तय लक्ष्य के बराबर धनरोपनी नहीं हो पायी. बीते साल भी स्थिति कुछ ऐसी ही थी. लगातार दूसरे साल स्थिति ऐसी रही, तो किसानों को परेशानी होगी

By Prabhat Khabar News Desk | August 22, 2023 8:45 AM
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मनोज सिंह, रांची :

राज्य सरकार ने केंद्र को बता दिया है कि राज्य में लगातार दूसरी बार सुखाड़ की स्थिति हो गयी है. समय पर बारिश नहीं होने की वजह से कई जिलों की स्थिति अच्छी नहीं है. केंद्र सरकार ने कई राज्यों के अधिकारियों को दिल्ली में बुलाकर खरीफ में खेती की स्थिति की जानकारी ली थी. इसमें राज्य सरकार के प्रतिनिधियों ने बताया था कि 15 अगस्त तक रोपा का समय है.

इस अवधि तक 40 फीसदी खेतों में तय लक्ष्य के बराबर धनरोपनी नहीं हो पायी. बीते साल भी स्थिति कुछ ऐसी ही थी. लगातार दूसरे साल स्थिति ऐसी रही, तो किसानों को परेशानी होगी. केंद्र सरकार ने 30 अगस्त तक इंतजार करने को कहा है. इसके बाद राज्य सरकार को रिपोर्ट देने को कहा है. मॉनसून देर से आने के कारण इस बार बिचड़ा भी देर से लगा था. इस कारण कई जिलों में अब भी किसान धनरोपनी कर रहे हैं.

बीते साल 30.83 प्रतिशत रोपा हुआ था :

मौसम विभाग के मुताबिक, झारखंड में बारिश की कमी अब भी 37 फीसदी है. 20 अगस्त तक सामान्य बारिश 689.8 मिमी की तुलना में अब तक 422.7 मिमी बारिश दर्ज की गयी है. राज्य में 31 जुलाई तक 47 फीसदी बारिश की कमी दर्ज की गयी थी. अगस्त में कुछ जिलों में हुई अच्छी बारिश के कारण स्थिति कुछ सुधरी है.

बीते साल 256 प्रखंडों में पड़ा था सूखा : बीते साल भी खरीफ मौसम में समय पर अच्छी बारिश नहीं हुई थी. इससे करीब 256 प्रखंड सूखे के चपेट में आ गये थे. राज्य सरकार का कैबिनेट ने इन प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित कर केंद्र से सूखा राहत मांगा था. केंद्र सरकार की अंतर मंत्रालयी टीम ने झारखंड का दौरा भी किया था. राज्य ने केंद्र सरकार से 9500 करोड़ रुपये मुआवजा मांगा था. केंद्र सरकार ने आपदा राहत कोष से करीब 500 करोड़ रुपये खर्च करने की अनमुति दी है.

आठ जिलों में 80 फीसदी कृषि योग्य भूमि पर धान नहीं लगा

राज्य के आठ जिलों में कम बारिश के कारण 80 प्रतिशत से अधिक कृषि योग्य भूमि पर अब तक धान की रोपाई नहीं हो पायी है. धान की रोपाई का सही समय एक जुलाई से 31 जुलाई तक माना जाता है. मॉनसून में देरी से या कम बारिश होने की वजह से काफी किसान अगस्त के मध्य तक ही रोपाई करते हैं. झारखंड में 20 अगस्त तक 45 प्रतिशत धान की कुल रोपाई हुई है. धान की रोपाई के मामले में राज्य के 24 में से आठ जिलों में स्थिति गंभीर है. पलामू जिले में सबसे कम (2.96 फीसदी) धान की रोपाई हुई है.

क्या है स्थिति

फसल लगना था लगा

धान 1800 837

मक्का 312 221

दलहन 612 299

तेलहन 60 27

मोटा अनाज 42 26

कुल 2147 1412

(नोट : आंकड़े हजार हेक्टेयर में)

राज्य सरकार लगातार भारत सरकार को स्थिति से अवगत करा रही है. स्थिति अच्छी नहीं है. हमलोग तैयारी कर रहे हैं कि किसानों को क्या सहयोग हो सकता है. खरीफ के मौसम में लगातार दूसरे साल समय पर बारिश नहीं हुई है. इस कारण राज्य सरकार ने जो धान लगाने का लक्ष्य रखा था, वह पूरा नहीं होता नहीं दिख रहा है.

अबु बकर सिद्दीख, कृषि सचिव

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