अब तक का सबसे भयावह सूखा पड़ा है झारखंड में, मदद के लिए राज्य ने मांगा इतने करोड़ रुपये
दो लोगों को रोजगार नहीं मिला यानी करीब 42 लाख लोगों के समक्ष काम का संकट रहा. इनको सहयोग देने के लिए 9139 करोड़ रुपये की जरूरत होगी. किसानों के समक्ष पेट पालने का संकट हो गया था
सूखा की स्थिति का आकलन करने पहुंची ‘अंतर मंत्रालयी केंद्रीय टीम’ को बीते खरीफ मौसम में पड़े सूखे की जानकारी दी गयी. नेपाल हाउस स्थित सभागार में हुई बैठक की अध्यक्षता विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह ने की. केंद्रीय टीम को बताया गया कि राज्य गठन के बाद से अब तक की सबसे भयावह स्थिति थी. राज्य के 226 प्रखंडों में स्थिति बेहद खराब थी. करीब 90 दिनों तक 22 लाख परिवारों को काम का संकट रहा.
हर परिवार के दो लोगों को रोजगार नहीं मिला यानी करीब 42 लाख लोगों के समक्ष काम का संकट रहा. इनको सहयोग देने के लिए 9139 करोड़ रुपये की जरूरत होगी. किसानों के समक्ष पेट पालने का संकट हो गया था, इसलिए राज्य सरकार ने तत्काल राहत के लिए प्रति परिवार 3500 रुपये उपलब्ध कराये हैं.
केंद्रीय टीम को बताया गया कि सूखे से राज्य के रीब 30 लाख किसान प्रभावित हुए हैं. इसका आकलन राज्य सरकार ने कराया है. कृषि विभाग की उच्चस्तरीय टीम ने कई जिलों का दौरा किया. वहां से ग्राउंड रिपोर्टिंग करायी गयी. उसको आधार मानकर झारखंड कैबिनेट ने राज्य के दो जिलों को छोड़ शेष जिलों के 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया है.
किसान और मजदूरों को हुए नुकसान के एवज में केंद्र से सहयोग की अपेक्षा की जा रही है. बैठक में खाद्य आपूर्ति, पेयजल स्वच्छता, जल संसाधन, कृषि, ग्रामीण विकास विभाग के सचिवों ने हिस्सा लिया. बीएयू के कुलपति, कृषि से जुड़े सभी विभागों के निदेशक के साथ मौसम केंद्र के प्रभारी और कृषि सांख्यिकी विभाग के निदेशक भी बैठक में मौजूद थे. वहीं, भारत सरकार की ओर से टीम का नेतृत्व आपदा प्रबंधन विभाग की संयुक्त सचिव एस रुक्मिणी कर रही हैं. उनके साथ विभागों के 10 अधिकारी भी टीम में शामिल हैं.
हजारीबाग, गोड्डा दुमका, गिरिडीह पलामू, गढ़वा, और जायेगी टीम
सूखा का आकलन करने आयी केंद्रीय टीम कई जिलों का दौरा करेगी. इसके लिए तीन टीमें बनायी गयी हैं. एक टीम दुमका और गोड्डा जायेगी, दूसरी टीम पलामू और गढ़वा जायेगी. तीसरी टीम हजारीबाग और गिरिडीह जायेगी. टीम दो दिनों तक इन इलाकों के दौरे पर रहेगी. इसके बाद 13 जनवरी को आपदा प्रबंधन सचिव और कृषि सचिव के साथ बैठक करेगी. इसी दिन शाम में दिल्ली लौट जायेगी.
ये बातें बतायी गयीं सूखा आकलन टीम को
15 अगस्त तक 658 मिमी की जगह 426.3 मिमी बारिश हुई मॉनसून के दौरान
2827460 हेक्टेयर की तुलना में 1051441 हेक्टेयर में ही खेती हुई (करीब 65 फीसदी कम)
2758 गांव के 13792 प्लॉट की जमीनी हकीकत पता की गयी
400 करोड़ बांटे गये किसानों के बीच सूखा राहत मद में अब तक
42 लाख से अधिक लोगों को नहीं मिला 90 दिनों तक काम