मनोज सिंह, रांची. झारखंड एक बार फिर सूखे का संकेत दे रहा है. मानसून आये करीब एक माह हो गया है. इसके बावजूद अब सामान्य से आधा के करीब ही बारिश हो पायी है. बारिश की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण अब राज्य के 13 जिलों में रोपा तक शुरू नहीं हो पाया है. जहां रोपा हुआ है, वह भी छिटपुट ही है. कुछ जिलों में सीधी बुआई से धान की खेती शुरू हो पायी है.
कृषि विभाग भी है अलर्ट
राज्य में 15 जुलाई से अगस्त के पहले सप्ताह तक रोपा करने का अनुकूल समय माना जाता है. मानसून और रोपा की स्थिति देखते हुए कृषि विभाग भी अलर्ट हो गया है. स्थिति पर नजर रखने का निर्देश सभी जिला अधिकारियों को दिया गया है. संताल परगना में स्थिति कुछ ठीक है. प्रमंडल की स्थिति बहुत ही खराब है. पलामू प्रमंडल के तो एक भी जिले में रोपा नहीं हो पाया है.
18 लाख हेक्टेयर में लगना है धान, लगा मात्र 2.10 में
झारखंड में इस वर्ष कृषि विभाग ने 18 लाख हेक्टेयर में धान लगाने का लक्ष्य रखा है. इसकी तुलना में दो लाख हेक्टेयर में ही अब तक लग पाया है. यह तक लक्ष्य का करीब 11 फीसदी है. वैज्ञानिकों के अनुसार मात्र 10 दिनों का समय रोपा के लिए बचा है. इसमें 90 फीसदी खेतों में धान लगाना संभव नहीं है. इस कारण किसानों को ऊपरी जमीन पर धान के बजाए मोटे अनाज की खेती शुरू करना चाहिए.
गोड्डा-साहिबगंज को छोड़ सभी जिलों की स्थिति खराब
गोड्डा और साहिबगंज जिले को छोड़ सभी जिलों में बारिश स्थिति बहुत ही खराब है. करीब-करीब सभी जिलों में सामान्य से 30 से लेकर 75 फीसदी तक कम बारिश हुई है. सबसे खराब स्थिति चतरा जिले की है. यहां अब तक 363 मिमी बारिश होनी चाहिए थी. इसकी तुलना में मात्र 91 मिमी के आसपास ही बारिश हो पाया है. सबसे अधिक बारिश साहिबगंज जिले में हुई है. यहां अब तक 500 मिमी से अधिक बारिश हो गयी है.
जहां-जहां रोपा शुरू नहीं हो पाया है-
खूंटी, गढ़वा, पलामू, लातेहार, सरायकेला, हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो, दुमका.
सामान्य से 46 फीसदी कम बारिश, लक्ष्य से 90 प्रतिशत पीछे है रोपा
झारखंड में इस साल धान की खेती का लक्ष्य 18 लाख हजार हेक्टेयर है, लेकिन अब तक महज 2 लाख हेक्टेयर ही खेती हो सकी है. वहीं, मक्का की खेती का लक्ष्य 3.12 लाख हेक्टेयर है, लेकिन अब तक 1.03 लाख हेक्टेयर ही खेती हो सकी है. दलहन की खेती का लक्ष्य 6.12 लाख हेक्टेयर है, लेकिन अब तक मात्र 0.90 लाख हेक्टेयर की खेती ही लग पाई है. तेलहन की खेती का लक्ष्य 0.60 लाख हेक्टेयर है, जबकि अब तक 0.12 लाख हेक्टेयर की ही खेती हो पाई है. अब तक कुल बारिश 403 मिमी होनी चाहिए थी, लेकिन इस साल अब तक 201 मिमी ही बारिश हुई है. झारखंड में अब तक सामान्य से 46 फीसदी कम बारिश हुई है.
स्थिति : एक नजर में
अनाज—खेती का लक्ष्य—अब तक लगा
धान—18 लाख हजार हेक्टेयर—दो लाख हेक्टेयर
मक्का—3.12 लाख हेक्टेयर—1.03 लाख हेक्टेयर
दलहन—6.12 लाख हेक्टेयर—0.90 लाख हेक्टेयर
तेलहन—0.60 लाख हेक्टेयर—0.12 लाख हेक्टेयर
बारिश की स्थिति
अब तक होनी चाहिए थी 403 मिमी—हुई 201 मिमी
क्या कहते हैं कृषि निदेशक
कृषि निदेशक चंदन कुमार ने बताया कि विभाग की वर्तमान स्थिति पर पूरी नजर है. किसानों ने बिचड़ा तैयार किया है. इसका रोपा अभी कम है. किसानों के साथ विभाग खड़ा है. जहां किसान धान नहीं लगा पायेंगे, वहां विभाग श्रीअन्न (मोटे अनाज) की खेती को बढ़ावा देगा. इसके लिए किसान अपने स्तर से श्रीअन्न का बीज जहां से भी संभव हो, ले सकते हैं. विभाग उनको इसके बदले में वित्तीय सहयोग उपलब्ध करायेगा.
अभी झारखंड में सक्रिय है मानसून, कई स्थानों पर हुई बारिश
हालांकि, अभी झारखंड में मानसून सक्रिय है. करीब-करीब पूरे राज्य में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हो रही है. चाईबासा जिले में कई स्थानों पर तेज बारिश भी हुई. सबसे अधिक चाकुलिया में करीब 97 मिमी के आसपास बारिश हुई. राजधानी रांची में दिन भर रुक-रुक कर बारिश होती रही. रांची में करीब सात मिमी बारिश हुई है. मौसम केंद्र के अनुसार 29 जुलाई तक राज्य में मौसम इसी तरह रहेगा. कहीं-कहीं हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होती रहेगी. शनिवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेसि रहा.