आदित्य कुमार, रांची : हाथों में सर्टिफिकेट, गले में मेडल और हजारों चेहरों पर मुस्कान… ये तस्वीर थी मोरहाबादी स्थित दीक्षांत मंडप की जहां डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का पहला दीक्षण समारोह आयोजित किया गया. इस दौरान 198 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिया गया और करीब 3,400 छात्रों को उपाधि दी गई. इस समारोह में झारखंड के राज्यपाल सह राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति सी.पी. राधाकृष्णन मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे. वहीं, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति अजित कुमार सिन्हा भी कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद थे. राज्यपाल राधाकृष्णन ने कार्यक्रम की शुरुआत की और गोल्ड मेडलिस्ट को सम्मानित किया.
वहीं, डीएसपीएमयू के कुलपति प्रो. डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि आज के इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी लोगों ने मेहनत की है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का यह पहला दीक्षांत समह यादगार रहा है. पहला दीक्षांत समारोह हमेशा इतिहास रचता है और आज डीएसपीएमयू ने ये कर दिया गया है. यह समारोह छात्रों के लिए स्वर्णिम पल होता है क्योंकि राज्य के राज्यपाल के द्वारा उन्हें डिग्री प्रदान की जाती है.
वहीं, आरयू के कुलपति अजित कुमार सिन्हा ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम को सोच से जायद सफलता मिली है. उन्होंने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में कई गलतियाँ होने की संभावना होती है लेकिन, ऐसा यहां देखने को नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा संभव हो पाया है तो यहां के छात्रों के अनुशासन की वजह से हो पाया है. उन्होंने कहा कि रांची विश्वविद्यालय और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय अलग नहीं है. हम हमेशा साथ है और एक साथ मिलकर काम करेंगे.
इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में छात्र मौजूद थे. जानकारी हो कि 2018 से 2020 तक के बैच के लोगों को यहां दीक्षा दी गई है. वहीं, साल 2016 और 2017 के बैच के छात्रों के लिए अलग से कार्यक्रम तय किया गया है. उन्हें 24 फरवरी को सम्मानित किया जाएगा. 2018 से अभी तक के पास आउट बैच के छात्रों ने भी खुशी जताई और कहा कि ये हमारा पहला अनुभव है और बेहतरीन अनुभव है. उन्होंने कहा कि आज इस विश्वविद्यालय में पढ़ने का मकसद पूरा हो गया है और अब आगे और बेहतर करना चाहेंगे.