केडीएच ऑफिसर्स क्लब के मतदान केंद्र पर वोटिंग प्रतिशत में सुधार नहीं
कोयलांचल क्षेत्र में पड़ने वाले मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के नाम अपडेट नहीं किए जाने से संबंधित क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत लगातार गिर रहा है.
प्रतिनिधि, डकरा कोयलांचल क्षेत्र में पड़ने वाले मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के नाम अपडेट नहीं किए जाने से संबंधित क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत लगातार गिर रहा है. इसके बाद भी इस ओर जवाबदेह पदाधिकारियों का ध्यान नहीं है. सुभाषनगर स्थित केडीएच ऑफिसर्स क्लब में मतदान केंद्र संख्या 48, 49, 50 पर अधिकांश सीसीएल कर्मी वोट डालते हैं. इन तीनों मतदान केंद्र पर आधे लोग भी वोट नहीं करते हैं. इनमें भी सीसीएल अधिकारियों की संख्या सबसे अधिक है. वोटिंग प्रतिशत कभी भी 40% से ऊपर नहीं रहता है. 13 नवंबर को कांके विधानसभा चुनाव के लिए जो वोटिंग हुई है, उसमें केन्द्र संख्या 48 पर कुल 1068 मतदाताओं में 188 पुरुष और 180 महिला सहित 368, केन्द्र संख्या 49 पर कुल 851 में 127 पुरुष और 139 महिला सहित 266 और केंद्र संख्या 50 पर कुल 1069 में 173 पुरुष और 170 महिला सहित 343 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. केंद्र संख्या 49 पर तो पुरुष मतदाताओं की अपेक्षा 12 अधिक महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. प्रखंड में सबसे कम वोटिंग प्रतिशत में इन मतदान केंद्रों की गिनती की जाती है, लेकिन इसमें सुधार और कारण जानने का प्रयास कभी नहीं किया जाता है. इस संबंध में इन तीनों मतदान केंद्र पर राजनीतिक दलों के लिए काम करने वाले राजनीतिक कार्यकर्ताओं से जब प्रभात खबर ने बात की तो बताया कि सीसीएल अधिकारी और कर्मचारी वोट डालने नहीं आते हैं. पिछले दो साल से कर्मचारियों को जब से चुनाव ड्यूटी पर लगाया जाने लगा है तब से उनके पारिवारिक सदस्य भी वोट डालने नहीं निकलते हैं. भाजपा कार्यकर्ता विकास दुबे और कांग्रेस कार्यकर्ता संजय आइंद ने बताया कि तीनों बूथों पर 150 से अधिक ऐसे लोगों के नाम अभी तक दर्ज हैं, जिनका तबादला पांच साल पहले हो गया है. कई लोगों का निधन हो गया है जो बीएलओ इन केन्द्रों का देखरेख करते हैं. वह इस पर ध्यान नहीं देते हैं. इसके अलावा वर्षों से रह रहे लोगों का नाम अभी तक नहीं जोड़ा गया है. इसमें युवा मतदाताओं की संख्या भी अधिक है. कहा कि जवाबदेह पदाधिकारी इसपर ध्यान देकर कार्रवाई कर दें तो कम वोटिंग के लिए बदनाम इन तीनों केन्द्रों पर भी वोटिंग प्रतिशत में साकारात्मक सुधार दिखने लगेगा.
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