Jharkhand Government News : कोल कंपनियों पर बकाया 1.36 लाख करोड़ से बढ़कर 1.41 लाख करोड़ हुआ

कोल कंपनियों पर भूमि मुआवजा, वॉश्ड कोल रॉयल्टी और कॉमन कॉज के 1.36 लाख करोड़ के बकाया मामले में खान विभाग ने राशि संशोधित की है. इस तरह राज्य सरकार के अनुसार, कोल कंपनियों पर कुल 141384.75 करोड़ रुपये का बकाया हो गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 20, 2024 12:42 AM

रांची. कोल कंपनियों पर भूमि मुआवजा, वॉश्ड कोल रॉयल्टी और कॉमन कॉज के 1.36 लाख करोड़ के बकाया मामले में खान विभाग ने राशि संशोधित की है. इस तरह राज्य सरकार के अनुसार, कोल कंपनियों पर कुल 141384.75 करोड़ रुपये का बकाया हो गया है. अब विभाग को कोल ट्रिब्यूनल के फैसले का इंतजार है. फैसला आते ही राशि वसूलने की कार्रवाई की जायेगी. इधर, राज्य सरकार भी लगातार केंद्र सरकार से बकाये के भुगतान की मांग कर रही है.

40242.75 करोड़ रुपये की मांग की गयी है खान विभाग द्वारा

खान विभाग वॉश्ड कोल रॉयल्टी व कॉमन कॉज के तहत भेजे गये डिमांड नोट की राशि कोल कंपनियों से मांग रही है. खान विभाग द्वारा कुल 40242.75 करोड़ रुपये की मांग की गयी है. जबकि भू-राजस्व विभाग कोल बेयरिंग एक्ट (सीबीए) के तहत कोल कंपनियों द्वारा किये गये भूमि अधिग्रहण के एवज में मुआवजा की मांग कर रही है. यह राशि मार्च 2022 तक 41142 करोड़ रुपये तय की गयी थी. इस रकम पर भूमि अधिग्रहण से लेकर मार्च 2022 तक केवल सूद की राशि ही 60 हजार करोड़ रुपये हो गयी है. सरकार ब्याज की रकम जोड़ कर भूमि अधिग्रहण मद में कुल बकाया 101142 करोड़ रुपये केवल मुआवजा मद में मांग रही है. इस तरह राज्य सरकार के अनुसार, कोल कंपनियों पर कुल 141384.75 करोड़ रुपये का बकाया हो गया है. हालांकि, सरकार अब भी 1.36 लाख करोड़ रुपये ही मांग रही है.

ट्रिब्यूनल ने पिछले वर्ष ही ज्वाइंट कमेटी बनाकर रॉयल्टी संशोधित करने को कहा था

कोल ट्रिब्यूनल द्वारा पिछले वर्ष ही ज्वाइंट कमेटी बनाकर रॉयल्टी संशोधित करने की बात कही गयी थी. कमेटी ने स्थल निरीक्षण कर विभिन्न वॉश्ड कोलियरी की गणना की. तब वॉश्ड कोल पर रॉयल्टी की रकम 6029.75 करोड़ रुपये आयी. इसे ट्रि्ब्यूनल के पास भेजा जायेगा. वहीं, वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट के कॉमन कॉज मामले में दिये गये आदेश पर सभी कोल कंपनियों की जांच की गयी. तब कोल कंपनियों पर 32 हजार करोड़ रुपये का डिमांड नोट भेजा गया था. इसके बाद इस मामले को लेकर कोल कंपनियां कोल ट्रिब्यूनल चली गयीं. वहां भी राशि संशोधित करने की बात कही गयी. इसके बाद खान विभाग ने नये सिरे से डिमांड नोट तैयार किया, तो राशि 32 हजार करोड़ रुपये बढ़ कर 34213.42 करोड़ रुपये हो गयी. इस तरह खान विभाग का ही कोल कंपनियों पर 40242.75 करोड़ रुपये बकाया निकलता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version