राज्यपाल रमेश बैस ने राज्य की कानून व्यवस्था पर जतायी चिंता, अंकिता के परिजन को दो लाख देने की घोषणा

दुमका की बेटी अंकिता हत्या मामले को लेकर राज्यपाल रमेश बैस ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर चिंता प्रकट की है. उन्होंने तत्काल दो लाख रुपये पीड़ित के परिजनों को देने की घोषणा की. इधर, सीएम ने 10 लाख की सहायता राशि की घोषणा के बाद दुमका डीसी ने पीड़ित के परिजनों को चेक सौंपा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2022 7:01 PM

Dumka Murder Case: दुमका की बेटी अंकिता की मौत पर सभी मर्माहत हैं. झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने गहरा दुःख एवं शोक व्यक्त करते हुए उनके परिजनों से बात कर उनके प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. साथ ही राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए नाराजगी जतायी. राज्यपाल ने इस घटना की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करने की बात कहते हुए पीड़ित के परिवार को तत्काल दो लाख की राशि अपने विवेकाधीन अनुदान मद से देने की घोषणा की. बता दें कि इस मामले में पीड़ित के परिवार को सीएम हेमंत सोरेन ने 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की. घोषणा के कुछ देर बाद ही दुमका डीसी ने पीड़िता के परिजन को चेक सौंपा है.

राज्यपाल ने जतायी चिंता

राज्यपाल रमेश बैस ने इसे राज्य के लिए शर्मनाक बताया. कहा कि ऐसी घटनाओं से राज्य की छवि धूमिल होती है. कहा कि पूर्व में भी राज्य की विधि-व्यवस्था पर चिंता जाहिर करते हुए डीजीपी को इससे अवगत कराया था. इसके बावजूद राज्य में सकारात्मक परिणाम नहीं दिख रहा है. यह चिंता का विषय है.

सीएम हेमंत सोरेन ने 10 लाख रुपये देने की घोषणा

इधर, सीएम हेमंत सोरेन ने दुमका की बेटी अंकिता की पेट्रोल छिड़क कर हत्या करने के मामले में 10 लाख रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की. घोषणा के कुछ देर बाद ही दुमका डीसी ने पीड़ित के पिता को चेक सौंपा. वहीं, सीएम ने इस घृणित घटना का फास्ट ट्रैक से निष्पादन के लिए निर्देश दिया है. उसने पुलिस महानिदेशक को एडीजी रैंक अधिकारी द्वारा अनुसंधान की प्रगति पर शीघ्र रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.

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बाबूलाल मरांडी ने डीएसपी पर आरोपी को बचाने का लगाया आरोप

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने अंकिता हत्याकांड का अारोपी शाहरूख को बचाने का आरोप डीएसपी नूर मुस्तफा पर लगाया है. ट्वीट कर उन्होंने कहा कि डीएसपी नूर मुस्तफा के आदिवासी विरोधी एवं कम्यूनल होने का यह एक प्रमाण है. उन्होंने सीएम से भी सवाल किया कि ऐसे अफसर को जेल जाना चाहिए या नहीं.

Posted By: Samir Ranjan.

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