Durga Puja 2022: लंदन में ‘सर्वोजोनेर’ थीम पर दुर्गोत्सव, महाषष्ठी से पूजा शुरू

लंदन के हार्मेन्सवर्थ में आदिशक्ति यूके दुर्गोत्सव का आयोजन हो रहा है. 2017 से शुरू हुए दुर्गोत्सव का इस वर्ष छठा संस्करण है. इसे झारखंड, कोलकाता, गुजरात, जयपुर, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों के लोग एकजुट होकर मना रहे हैं.

By Rahul Kumar | October 2, 2022 10:10 AM

अभिषेक रॉय, रांची

Durga Puja 2022: लंदन के हार्मेन्सवर्थ में आदिशक्ति यूके दुर्गोत्सव का आयोजन हो रहा है. 2017 से शुरू हुए दुर्गोत्सव का इस वर्ष छठा संस्करण है. इसे झारखंड, कोलकाता, गुजरात, जयपुर, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों के लोग एकजुट होकर मना रहे हैं. महाषष्ठी से मां की पूजा शुरू की गयी. आदिशक्ति यूके के अध्यक्ष पार्थ चौधरी ने बताया कि कोरोना काल के बाद यह दुर्गोत्सव उल्लासपूर्ण है. ऐसे में कमेटी के सदस्यों ने बांग्ला थीम ‘सर्वोजोनेर दुर्गोत्सव’ यानी सभी लोगों की दुर्गा पूजा पर यह आयोजन किया है. पूजा अनुष्ठान के लिए मंडप ‘यूजली एंड वेस्ट ड्रेटन कम्युनिटी सेंटर’ में तैयार किया गया है. आस-पास के सैकड़ों भारतीय मूल के श्रद्धालु शामिल होंगे.

कोल्न नदी के आशीर्वाद से शुरू होगी पूजा

आदिशक्ति यूके का दुर्गोत्सव बांग्ला, गुजराती और मारवाड़ी रीति-रिवाज के साथ मनेगा. इसकी शुरुआत टेम्स नदी की उप-नदी ‘कोल्न’ से आशीर्वाद लेने के बाद खुंटी पूजन के साथ शुरू हुई. महाषष्ठी को मुख्य पूजा का अनुष्ठान यूजली एंड वेस्ट ड्रेटन कम्युनिटी सेंटर में तैयार मंडप परिसर में किया गया. इसमें बतौर मुख्य अतिथि हिलिंगडन के मेयर ‘काउंसेलर बेकी हैगर’ ने हिस्सा लिया.

सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे

दुर्गोत्सव के दौरान आदिशक्ति यूके कमेटी की ओर से तीन िदवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम की भी शुरुआत हुई. षष्ठी को डांडिया व डीजे नाइट में लोगों ने देर रात तक मस्ती की. सप्तमी की शाम विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. महाअष्टमी पर संधि पूजा की जायेगी. महादशमी के दिन विसर्जन से पूर्व पारंपरिक सिंदूर खेला का आयोजन होगा.

बांग्ला पारंपरिक सज्जा में होगी मां दुर्गा की प्रतिमा

इस वर्ष मंडप में कलश स्थापना के साथ दो प्रतिमाएं होंगी. मां दुर्गा की प्रतिमा पारंपरिक बांग्ला आर्ट ‘ढाकेर साज’ पर है. इसके साथ ही बड़ी प्रतिमा में मां दुर्गा को महिषासुर का वध करते हुए दिखाया जायेगा. इसके अलावा भगवान गणेश, कार्तिकेय, मां सरस्वती और मां लक्ष्मी की प्रतिमाएं आकर्षण का केंद्र होंगी. इसके लिए कारीगर कोलकाता से खास तौर पर बुलाये गये थे.

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