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रांची में श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर, मां के दरबार में हर दिन लग रही कतार, जानें सभी पूजा पंडालों का इतिहास

मंदिर के कोषाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने बताया कि चार वर्षों से प्रत्येक शनिवार को प्रसाद वितरण किया जाता है. नवरात्र में कलश स्थापना की गयी है.

रांची : राजधानी स्थित मां दुर्गा के मंदिरों में नवरात्रि का उल्लास फैला हुआ है. हर रोज श्रद्धालुओं की कतार लग रही है. विशेष पूजा-अर्चना हो रही है. मंदिर को फूलों से सजाया गया है. हर दिन मां के वस्त्र व आभूषण बदले जा रहे हैं. सुबह-शाम आरती की जा रही है. इन्हीं दुर्गा मंदिरों पर पढ़िए यह रिपोर्ट.

वर्ष 1926 में हुआ था श्री चैती दुर्गा पूजा महासमिति का गठन

वर्ष 1926 में श्री चैती दुर्गा पूजा महासमिति, भुतहा तालाब का गठन किया गया था. हालांकि यहां मां दुर्गा की प्रतिमा वर्ष 2016 में स्थापित की गयी. मान्यता है कि यहां सच्चे मन से जो भी अपनी मनोकामना लेकर आता है, मां उनकी मनोकामना पूरी कर देती हैं. मंदिर के कोषाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने बताया कि चार वर्षों से प्रत्येक शनिवार को प्रसाद वितरण किया जाता है. नवरात्र में कलश स्थापना की गयी है.

1972 से हो रही दुर्गा मंदिर मेडिकल चौक में पूजा

श्री दुर्गा मंदिर निर्माण समिति मेडिकल चौक बरियातू में 1972 से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है. वही 2006 में मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा स्थापित की गयी. मंदिर के पुजारी अरुण कुमार पांडेय ने बताया कि नवरात्रि में कलश स्थापित कर प्रतिदिन पूजा-अर्चना और आरती की जा रही है. प्रत्येक दिन मां का वस्त्र बदल जाता है. शाम को आरती व भोग भंडारा होता है.

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आम्रकुंज दुर्गा मंदिर में 1942 से हो रही मां की आराधना

बाबा भरत दास जी महाराज दुर्गा मंदिर आम्रकुंज मोरहाबादी में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना वर्ष 1942-43 से हो रही है. यहां हर वर्ष चैती दुर्गा और शारदीय नवरात्र पूजा की जाती है. पुजारी विकास कुमार पांडेय ने बताया कि प्रतिदिन मां की आराधना के साथ पाठ भी किया जा रहा है. नवाह परायण पाठ भी हो रहा है. दिन भर भक्तों का तांता लगा रहता है.

दुर्गा मंदिर रातू रोड में 1986 में हुई थी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा

दुर्गा मंदिर रातू रोड. इसे रातू रोड वाली मईया के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर में आठ फरवरी 1986 में मां दुर्गे की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गयी थी. मंदिर के प्रवक्ता आयुष राज वर्मा ने बताया कि यहां नवरात्रि पर प्रतिदिन मां का विशेष शृंगार किया जाता है. इस वर्ष भी माता का दरबार फूलों व आकर्षक लाइटिंग से सज चुका है. प्रतिदिन भक्त मां के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.

दुर्गा स्थल, अरसंडे में अर्पित किये जाते हैं 56 भोग

दुर्गा स्थल अरसंडे में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना 1992 से हो रही है. यहां सुबह-शाम आरती व भोग निवेदन किया जाता है. अष्टमी को महिलाएं मां दुर्गा का खोइछा भरती हैं. उसी दिन मां दुर्गा को 56 भोग अर्पित किये जाते हैं. वहीं नवमी को कुमारी पूजन, ब्रह्म भोज, महाप्रसाद का वितरण किया जाता है. अशोक कुमार द्विवेदी ने बताया कि इस वर्ष भी मंदिर को सजाया गया है.

47 वर्ष पुराना है अशोक नगर स्थित मां दुर्गा का मंदिर

अशोक नगर देवालय में मां दुर्गा, मां काली, मां संतोषी, मां शीतला, शिवालय, राम दरबार, हनुमान जी और राधाकृष्ण मंदिर स्थापित हैं. यहां दुर्गा पूजा का इतिहास लगभग 47 वर्ष पुराना है. दुर्गा पूजा समिति के उपाध्यक्ष मुकेश कुमार ने बताया कि पहली बार वर्ष 1976 में मंदिर परिसर में पंडाल बनाकर शारदीय दुर्गा पूजा की शुरुआत पुरोहित नरोत्तम शास्त्री ने की थी.

ज्योति संगम दुर्गा मंदिर, पुस्तक पथ

पुस्तक पथ स्थित ज्योति संगम दुर्गा मंदिर का निर्माण 2004 में किया गया था. नवरात्रि में मंदिर में पारंपरिक तरीके से पूजन की जा रही है. मंदिर में कलश स्थापना के साथ ही सुबह-शाम आरती होती है. भोग अर्पित किया जाता है. कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष अंकित गुप्ता ने बताया कि मां के दरबार को फूलों से सजाया गया है. आकर्षक लाइटिंग की गयी है.

श्री श्री महावीर संघ दुर्गा मंदिर, अल्बर्ट एक्का चौक

श्री श्री महावीर संघ दुर्गा मंदिर, अल्बर्ट एक्का चौक की स्थापना 1962 में हुई थी. वर्ष 2014 में मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य हुआ और मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गयी. मंदिर के शंभु सिंह ने बताया कि यहां हर साल नवरात्रि पर विशेष अनुष्ठान होता है. संध्या आरती के बाद अलग-अलग प्रसाद का वितरण किया जाता है.

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