Durga Puja 2023: राजधानी रांची के हरमू निवासी अधिवक्ता अंशु प्रियंका महिला शक्ति की मिसाल हैं. महिलाओं और असहायों के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ रही हैं. रांची सिविल कोर्ट, झारखंड हाईकोर्ट में सेवा दे रही हैं. 14 वर्षों से वकालत के क्षेत्र में सेवा दे रहीं प्रियंका जरूरतमंद महिलाओं से फीस भी नहीं लेती. साथ ही कैदियों की काउंसेलिंग भी करती हैं और उन्हें नेक इंसान बनने के लिए प्रेरित करती हैं. यही कारण है कि कई कैदी अपने परिवार के साथ सुखमय जिंदगी जी रहे हैं. वह कहती हैं : मामला कितना भी पेचीदा क्यों न हो, यदि आप ईमानदार हैं, तो आपके साथ गलत नहीं होगा. इससे निकलने का तरीका मिल जाता है. महिलाएं शक्तिशाली हैं. उनके लिए बेहतर वातावरण और मंच बनाने की जरूरत है.
अंशू प्रियंका के बारे में
डीएवी हेहल की पूर्ववर्ती छात्रा रही अंशु ने गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गांधीनगर से वकालत की डिग्री हासिल की है. उन्हें वकालत का पेशा विरासत में मिला है. नाना स्व चंद्र प्रसाद भी वकील थे. वहीं दादा स्व रघुवंश प्रसाद डिस्ट्रिक्ट जज रह चुके हैं. वह कहती हैं : नाना जी और दादा जी से प्रेरित होकर ही वकालत की दुनिया में कदम रखा. अपने केस में ईमानदारी को ही महत्व देती हूं. अंशु प्रियंका सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ देश के विभिन्न न्यायालयों में भी मुकदमा लड़ चुकी हैं.