झारखंड में दुर्गा पूजा के दौरान हो सकता है बिजली संकट, जानें वजह
तेनुघाट को हर दिन दो रैक कोयले की जरूरत है, लेकिन सीसीएल 15 दिन में एक रैक कोयले की आपूर्ति कर रहा है. मंगलवार को मांग के बावजूद सीसीएल ने कोयला नहीं दिया.
Ranchi News: झारखंड में दुर्गा पूजा के दौरान बिजली संकट हो सकता है. वजह है कि पावर प्लांटों को मांग के अनुरूप कोयला नहीं मिल रहा है. डीवीसी का 500 मेगावाट का बोकारो थर्मल पावर प्लांट बंद है. एनटीपीसी का नॉर्थ कर्णपुरा प्लांट भी मंगलवार को ठप हो गया. इससे 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है और झारखंड को 170 मेगावाट बिजली मिलती है. यहां ब्वॉयलर में लिकेज आ गया है. इसके मेटेनेंस में तीन दिन लग सकते हैं. डीवीसी को भी प्रतिदिन 25 रैक कोयले की जरूरत है. जबकि 12 से 15 रैक कोयला ही उपलब्ध हो पा रहा है. डीवीसी किसी तरह कमांड एरिया में 500-600 मेगावाट बिजली दे रहा है. कोयले का स्टॉक चार दिनों का ही है. कोयले की आपूर्ति नहीं बढ़ी, तो दुर्गा पूजा के दौरान बिजली संकट तय है.
तेनुघाट में भी कोयले का संकट
तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन में कोयले का स्टॉक सिर्फ एक दिन का बचा है. तेनुघाट को हर दिन दो रैक कोयले की जरूरत है, लेकिन सीसीएल 15 दिन में एक रैक कोयले की आपूर्ति कर रहा है. मंगलवार को मांग के बावजूद सीसीएल ने कोयला नहीं दिया. प्रबंधन का कहना है कि सीसीएल सबको कोयला दे रहा है, टीटीपीएस को नहीं. इसे लेकर सीसीएल प्रबंधन को पत्र लिखा जा रहा है कि दुर्गा पूजा, दीपावली, छठ को देखते हुए दो रैक कोयले की आपूर्ति की जाये.
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मांग 1900 मेगावाट :
राज्य में मंगलवार को डीवीसी कमांड एरिया को छोड़ 1900 मेगावाट बिजली की मांग थी. पर केवल 1500 मेगावाट बिजली ही उपलब्ध थी.
सीसीएल का 1400 करोड़ रुपये बकाया
सीसीएल का तेनुघाट पर 1400 करोड़ बकाया है. इसके कारण सीसीएल ने कोयले की आपूर्ति कम कर दी है. तेनुघाट की दोनों यूनिट से अभी 320 मेगावाट उत्पादन हो रहा है. टीवीएनएल के एमडी अनिल शर्मा ने बताया कि कई बार सीसीएल को पत्र लिखा गया है. अगर कोयला आपूर्ति की यही स्थिति रही, तो बुधवार एक यूनिट बंद करनी पड़ सकती है.