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रांची में मां दुर्गा का दरबार सज कर तैयार, दिख रही भारत की संस्कृति की झलक, जानें किस पंडाल की क्या है विशेषता

माता-रानी का दरबार भी सज कर तैयार है. भक्तों का रेला सड़कों पर उमड़ रहा है. ऐसी भक्ति की मां को अपने पलकों में बिठा लें. पूजा पंडालों की भव्यता देखते बन रही है.

रांची : आदिशक्ति मां दुर्गा का धरती पर अवतरण हो गया है. हाथी पर सवार होकर सुख-समृद्धि का उपहार लेकर मां पहुंची हैं. चित्रा नक्षत्र और कन्या लग्न में मां का आह्वान विशेष फलदायी है. वहीं, अराधना में लीन भक्त मां कात्यायनी की उपासना के साथ महाव्रत के सातवें दिन में प्रवेश कर गये हैं. मां अपने अलग-अलग विकराल, ममतामयी रूपों में बरबस आशीर्वाद बरसा रहीं हैं. मां की भक्ति में तर-बतर भक्त भी उत्सवी रंग में हैं. कलश स्थापना के दिन डाले गये जौ, उत्सव के परवान चढ़ने के साथ प्रस्फुटित हैं. इसकी हरियाली सुख-शांति और समृद्धि की तरह लहलहा रही है. ढोल-ढाक के थापों से गलियां गुंजायमान हैं. धूप, धवन से चतुर्दिक सुगंधित हैं.

इधर, माता-रानी का दरबार भी सज कर तैयार है. भक्तों का रेला सड़कों पर उमड़ रहा है. ऐसी भक्ति की मां को अपने पलकों में बिठा लें. पूजा पंडालों की भव्यता देखते बन रही है. विहंगम दुर्गोत्सव से राजधानी रांची गुलजार है. सतरंगी रोशनी से राजधानी जैसे नहा उठी है. मां के दरबार तक पहुंचने के लिए हर भक्त आतुर है. पैर नहीं थक रहे. राजधानी का हर पूजा पंडाल कई विशेषताओं को अपने में समेटे हुए हुआ है. कहीं ऐसे करीने की कलाकारी कि लोग बनाने वालों को दाद दे रहे, हाथों ने ऐसी सज्जा की हो, श्रद्धालुओं को विश्वास नहीं हो रहा है.

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चंद्रयान-3 की सफलता का बखान कर रहे पंडाल :

आरआर स्पोर्टिंग रातू, बांधगाड़ी, हरमू पंच मंदिर, नेताजी दुर्गापूजा कांटाटोली, राजस्थान मित्र मंडल जैसे पंडालों की भव्यता देखते बन रही है. राजधानी के पूजा पंडाल देश के वैभव, सफलता और उपलब्धियों के संदेश के साथ भक्तों का स्वागत कर रहे हैं. चंद्रयान-3 की सफलता पूजा में अभिव्यक्त हो रही है. भक्त भी चंद्रयान का प्रारूप देखकर अभिभूत हैं. बच्चे कौतूहल में हैं. शक्ति स्रोत संघ गाड़ीखाना, मोरहाबादी मेयर्स रोड का पंडाल, छप्पन सेट डोरंडा सहित शहर में दर्जनों पूजा पंडाल चंद्रयान के थीम पर बने हैं. राजधानी के दर्जनों पूजा पंडाल चंद्रयान के रूप में तैयार किये गये हैं. विज्ञान में भारत की उपलब्धियों का प्रतिबिंब राजधानी के पूजा पंडाल हैं, तो वहीं धरती को बचाने का और पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दे रहे हैं.

बेटी बचाओ का संदेश भी

बोड़या रोड का गीताजंलि क्लब का पूजा पंडाल का थीम खेती-बारी और पर्यावरण संरक्षण के थीम पर भक्तों को संदेश दे रहा है. वहीं, रेलवे स्टेशन का पूजा पंडाल बेटी बचाओ और भ्रूण हत्या रोकने जैसे संदेश के भक्तों को आकर्षित कर रहा है. हरमू पंचमंदिर द्वारा तैयार स्वामी नारायण मंदिर के प्रारूप में माता रानी के दर्शन के लिए तालाब से होकर गुजरना श्रद्धालुओं के लिए अद्भुत अनुभूति है. वहीं कोकर के पूजा पंडाल में गजराज के सूंढ़ से प्रवेश करना है. नेताजी नगर का पूजा पंडाल हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बना कर माता के भक्तों का आह्वान कर रहा है. यहां भरत नाट्यम, कथक जैसे पारंपरिक नृत्य की भाव-भंगिमा से सुसज्जित है. राजधानी का हर एक पूजा पंडाल घूमना-देखना और वहां विराजमान मां का अलौकिक दर्शन लोगों को भक्ति के रंग में सराबोर कर रहा है. हर पूजा पंडाल किसी सपनों की दुनिया का आभास करा रहा है.

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