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durga puja guidelines 2020 jharkhand :रांची जिला को 10 जोन में बांटा गया, पंडालों पर विशेष नजर

रांची जिला को 10 जोन में बांटा गया

By Prabhat Khabar News Desk | October 23, 2020 8:56 AM

रांची : दुर्गा पूजा के दौरान शहर के विधि व्यवस्था को बनाये रखने के लिए जिला प्रशासन ने 282 दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की है. हर पूजा पंडाल के लिए अलग-अलग दंडाधिकारी को प्रतिनियुक्त किया गया है. वहीं गश्ती, नियंत्रण व उप नियंत्रण कक्ष के लिए अलग से दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है.

डीसी व एसएसपी द्वारा जारी किये गये ज्वाइंट ऑर्डर के मुताबिक, रांची शहर के 155 पूजा पंडालों के लिए 80 दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त किये गये हैं, जबकि रांची ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 29 और बुंडू अनुमंडल के लिए छह दंडाधिकारी को प्रतिनियुक्त किया गया है.

दस जाेन में बांटा गया जिला को :

पूजा में विधि-व्यवस्था व शांति बनाये रखने के लिए रांची जिले को 10 जोन में बांटा गया है. सभी जोन का एक मुख्यालय बनाया गया है, जिसमें तीन से पांच थाना काे शामिल किया गया है. इस जोनल मुख्यालय में एक वरीय पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गयी है. इसके अलावा सभी जाेन में जोनल दंडाधिकारी भी लगाये गये हैं.

चार उप नियंत्रण कक्ष बने :

रांची में एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष के अलावा चार उप नियंत्रण कक्ष बनाया गया है. इन चार उप नियंत्रण कक्षों में अल्बर्ट एक्का चौक, डोरंडा, रांची सदर व रातू शामिल हैं. सभी उप नियंत्रण कक्ष के लिए हर दिन तीन पालियों के लिए अलग-अलग पुलिस पदाधिकारी व दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गयी है.

विसर्जन के दिन नौ स्थानों पर तैनात रहेंगे 10 दंडाधिकारी :

रांची में विसर्जन के लिए जिला प्रशासन द्वारा कुल नौ स्थानों का चयन किया गया है. इन जगहों पर पूर्व से ही पूजा समितियों द्वारा प्रतिमा विसर्जन किया जाता रहा है. इस कार्य के लिए 10 दंडाधिकारियों की विशेष प्रतिनियुक्ति की गयी है. विसर्जन के दौरान भीड़ न लगाने, नाच-गाने पर प्रतिबंध आदि जैसे निर्देश पूर्व में ही जिला प्रशासन द्वारा समितियों को दी जा चुकी है.

समितियों को 18 बिंदुओं का करना होगा पालन :

गाइडलाइन के आलोक में जिला प्रशासन द्वारा सभी पूजा समितियों को 18 बिंदुओं पर काम करने का निर्देश दिया गया है. इन निर्देशों में मुख्य रूप से पूजा में सार्वजनिक भागीदारी पर प्रतिबंध, मंडप व आस-पास के क्षेत्र में आकर्षक साज-सज्जा न करने, डीजे के उपयोग पर प्रतिबंध सहित अन्य बिंदु शामिल हैं.

तीन पंडालों को शो-कॉज

सदर एसडीओ समीरा एस ने गुरुवार को रांची के पूजा पंडालों का औचक निरीक्षण किया और कोरोना को लेकर जारी निर्देशों की जांच की. इस दौरान रेलवे स्टेशन, नामकुम व कोकर पूजा पंडाल में निर्देशों का उल्लंघन पाया. तीनों ही पूजा पंडालों को शो-कॉज किया गया. जारी नोटिस में पूजा संचालकों से कहा गया कि क्यों नहीं उनके खिलाफ सरकारी दिशा-निर्देशों की अवहेलना व आपदा प्रबंधन अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाये.

कलाकृतियों को काले कपड़े से ढंका :

जिला प्रशासन के नोटिस के बाद गुरुवार को रेलवे स्टेशन पूजा पंडाल की कलाकृतियों को काले कपड़े से ढंक दिया गया. समिति के मुनचुन राय ने कहा कि कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है.

बुधवार को आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी किये गये आदेश पर डीसी छवि रंजन ने कहा कि पूर्व में सात व्यक्तियों को ही पूजा में शामिल होने का आदेश दिया गया था. उसे बढ़ाकर 15 किया गया है. इसका मतलब यह नहीं है कि एक बार में पूजा पंडाल में 15 श्रद्धालु भ्रमण कर सकते हैं.

उपायुक्त ने कहा कि जारी किया गया आदेश केवल पूजा समितियों के लिए है. इसमें श्रद्धालुओं के लिए कुछ नहीं है. डीसी ने कहा कि पूजा समितियों द्वारा सरकार से यह मांग की गयी थी कि सात लोगों की उपस्थिति में पूजा का अनुष्ठान पूरा करने में कठिनाई हो रही है. इसलिए इसे बढ़ा कर 15 किया गया है.

इन 15 लोगों में एक भी व्यक्ति बाहरी दर्शनार्थी नहीं होगा, बल्कि सभी पूजा समिति के ही सदस्य होंगे. कोरोना को देखते हुए गाइडलाइन का पालन करना सबका दायित्व है.

श्रद्धालुओं को नहीं दी गयी किसी प्रकार की छूट: डीसी

रांची. शहर की विभिन्न पूजा समितियों द्वारा मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन विभिन्न तालाबों व झीलों में किया जाता है. इसे देखते हुए रांची नगर निगम सभी तालाबों के विसर्जन स्थलों पर मूर्ति विसर्जन प्वाइंट बनायेगा. इस प्वाइंट को बांस व लाल फीता से घेरा जायेगा. पूजा समितियों को यहीं पर मूर्ति का विसर्जन करना होगा. विसर्जन की प्रक्रिया पूरी होने के 48 घंटे के अंदर निगम विसर्जित मूर्तियों को पानी से निकाल लेगा.

नगर आयुक्त ने वैकल्पिक जलाशय में विसर्जन करने का किया था आग्रह : नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने कुछ दिन पहले पूजा समितियों से आग्रह किया था कि वे तालाबों के पानी को दूषित होने से बचाने के लिए वैकल्पिक जलाशयों में प्रतिमा का विसर्जन करें, लेकिन पूजा समितियों ने नकार दिया था.

posted by : sameer oraon

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