रांची : झारखंड में रांची पहला जिला होगा, जहां के सदर अस्पताल में कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर मरीजों का इलाज करेंगे. कैंसर मरीजों के लिए यह बड़ी बात है कि अब जिला मुख्यालय में ही कैंसर मरीजों का मुफ्त इलाज हो पायेगा. जिला में कैंसर के इलाज के लिए डॉक्टर नहीं होने के कारण पहले इलाज नहीं हो पाता था. अस्पताल के पांचवें तल्ले पर डेडिकेटेड कैंसर वार्ड होगा. यहां कैंसर के मरीज का डे केयर के साथ ही मेडिकल, सर्जिकल अंकोलॉजी के साथ एक ही छत के नीचे उपचार होगा. अभी रक्त विकार से जुड़े मरीज का ओल्ड बिल्डिंग के तीसरे तल्ले पर इलाज होता है. दुर्गा पूजा के बाद सुबह 11 बजे से दोपहर के 3:00 बजे तक कैंसर मरीजों के लिए ओपीडी सेवा के साथ ही वार्ड में भर्ती की सुविधा उपलब्ध रहेगी. इससे रिम्स में रोगियों का दबाव काफी हद तक कम हो जायेगा.
अस्पताल में 14 बेड पर होगा इलाज :
अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, अब मरीजों को डे केयर में कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी के साथ टारगेटेड थेरेपी जैसी उपचार की सुविधा मिलेगी. आयुष्मान कार्डधारियों के कैंसर मेडिकल मैनेजमेंट सहित अन्य पैकेज में यह सेवा मुफ्त होगी. निजी संस्थानों में एक कीमोथेरेपी पर महंगी दवा के अलावा 5-7 हजार रुपये का खर्च आता है. एक मरीज को ऑपरेशन के पहले से बाद तक औसतन 12 कीमोथेरेपी से गुजरना पड़ता है. वार्ड के अंदर अत्याधुनिक उपकरणों के साथ ही ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड होंगे. मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर में ऐनेस्थिस्ट की मौजूदगी में कैंसर की छोटी और मध्यम दर्जे की सर्जरी भी की जा सकेगी.
डे केयर में नर्स एवं पैरामेडिकल स्टाॅफ की हुई तैनाती :
सदर अस्पताल के इन पेशेंट डिपार्टमेंट के भीतर 14 बेड के डे केयर में मरीजों का इलाज शुरू करने की तैयारी है. इसके लिए अस्पताल में तीन डॉक्टरों को नियुक्त किया गया है. इसके अलावा ट्रेंड नर्स एवं अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती प्रक्रिया भी पूरी कर ली गयी है.
आउटसोर्सिंग पर 14 विशेष चिकित्सकों की सेवा ली जायेगी
500 बेड वाले रांची सदर अस्पताल के सुचारू संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत आउटसोर्सिंग पर 14 विशेष चिकित्सकों की सेवा ली जायेगी. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने एक करोड़ 61 लाख 62 हजार रुपये के व्यय की स्वीकृति प्रदान कर दी है. सदर अस्पताल में 10 जीडीएमओ, एक-एक गॉयनोकोलॉजिस्ट, फिजिशियन, एनेस्थेटिस व इएनटी स्पेशलिस्ट की सेवा ली जायेगी.