Durga Puja: रांची में बारिश भी नहीं रोक पा रही भक्तों के कदम, पंडालों में उमड़ने लगी भीड़, देखें Pics
बारिश पर आस्था भारी पड़ता दिख रहा है. सोमवार की शाम को घंटों मूसलाधार बारिश के बाद बावजूद भक्तों के कदम पूजा पंडाल और मां का आशीर्वाद लेने से रूक नहीं रहा. भक्तों का उत्साह ऐसा कि छाता लेकर भी पंडालों की ओर निकल पड़े हैं.
दुर्गापूजा का खुमार बारिश भी कम नहीं कर पा रहा है. सोमवार की शाम को भारी बारिश हुई. घंटों भारी बारिश के बाद जब थमा, तो भक्त पूजा पंडाल और मां का आशीर्वाद लेने अपने घर से निकल पड़े. राजधानी रांची के रातू रोड स्थित आरआर स्पोर्टिंग क्लब के बाहर कई भक्तों को हाथ में छाता लेकर पूजा पंडाल घूमते देखा गया. इसे देख बरबस कहा जा सकता है कि आस्था के आगे भी बारिश नतमस्तक हो गयी. यहां का पंडाल झारखंड की लोक कला संस्कृति पर आधारित है.
हर कोई पंडाल और माता के दर्शन को व्याकुलरातू रोड स्थित आरआर स्पोर्टिंग क्लब के दुर्गापूजा पंडाल में बारिश के बाद भी भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी. इस मौके पर महिला- पुरुष के साथ-साथ बच्चों का उत्साह भी देखते ही बन रहा है. हर कोई पंडाल और माता के दर्शन को व्याकुल दिख रहे हैं. यहां के पंडाल के अंदर और बाहर बांस से की गयी कलाकारी देखते ही बनती है.
दुर्गापूजा में आकर्षक पूजा पंडाल और भव्य माता की प्रतिमा को अपने कैमरे में कैद करने की होड़ सी मची है. हर भक्त अपने मोबाइल फोन से पूजा पंडाल और माता की प्रतिमा के साथ-साथ सेल्फी लेने में भी व्यस्त दिखे.
कला संस्कृति का संगम देखनी हो तो सत्य अमर लोक आएंहरमू रोड स्थित मारवाड़ी भवन परिसर में बने पूजा पंडाल में राज्य की कला संस्कृति देखने के लिए भक्त जुटने लगे हैं. सत्य अमर लोक पूजा पंडाल में दर्शायी गयी कला-संस्कृति को भक्त बरबस देख रहे हैं. यहां भी बांस की अद्भुत कारीगरी देखने को मिलेगी. मुख्य द्वार के दोनों ओर परी भक्तों को स्वागत करते नजर आ रही है.
कोकर के बांधगाड़ी में बना पुआल की डोरी से इको फ्रेंडली पंडालकोकर स्थित दीपाटोली बांधगाड़ी में इस साल इको फ्रेंडली पंडाल का निर्माण किया गया है. यहां पुआल की डोरी से 70 फीट ऊंचा पंडाल बनाया गया है. पश्चिम बंगाल के कोंटाई से आये तीन दर्जन कारीगरों ने डेढ़ महीने में इस आकर्षक पंडाल को बनाया है. इसमें 100 मूर्तियां स्थापित की गयी है, जो भक्तों को राजस्थान की ग्रामीण जीवन शैली से रूबरू करा रही है.