रांची : डीवीसी कमांड एरिया में 10 मार्च से ही 18 घंटे तक लोड शेडिंग की जा रही है. इससे सात जिलों – हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, चतरा, बोकारो, गिरिडीह और धनबाद के अलावा पूर्वी सिंहभूम का मुसाबनी इलाका भी खासा प्रभावित है. इन जिलों के लगभग आठ लाख उपभोक्ताओं की दिनचर्या बिगड़ गयी है. वहीं, व्यवसाय, खेती और उद्योग पर भी लोड शेडिंग का व्यापक असर पड़ रहा है. इससे उपभोक्ताओं में आक्रोश है.
वहीं जिलों में धरना-प्रदर्शन भी शुरू हो गया है. इधर इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि 5000 करोड़ रुपये बकाया होने के कारण डीवीसी द्वारा झारखंड में बिजली कटौती की जा रही है. जबकि, दूसरे राज्यों पर 20 हजार करोड़ से लेकर 50 हजार करोड़ बकाया है, पर वहां बिजली नहीं काटी जा रही . डीवीसी खुद को भारत सरकार के अधीनस्थ मानता है. राज्य सरकार बहुत जल्द इस मामले में निर्णय लेगी.
इधर बुधवार को गिरिडीह के विधायक सुदीव्य कुमार ने डीवीसी कार्यालय का घेराव किया. विधायक ने कहा कि झारखंड सरकार को बदनाम करने के लिए डीवीसी बिजली की कटौती कर रहा है. रघुवर सरकार में इससे कहीं ज्यादा बकाया होने पर भी लोगों को ऐसे परेशान नहीं किया गया. उन्होंने डीवीसी अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि बिजली आपूर्ति नियमित नहीं हुई, तो डीवीसी के सारे अॉपरेशन बंद करा दिये जायेंगे. उधर, हजारीबाग के बरही में विधायक उमाशंकर यादव अकेला ने समर्थकों के साथ बरही बिजली सब-स्टेशन के समक्ष धरना दिया.
जबकि झारखंड छात्र मोर्चा ने विद्युत प्रक्षेत्र के हजारीबाग महाप्रबंधक कार्यालय में बुधवार को तालाबंदी कर दी. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा है कि डीवीसी सरकार को बदनाम करने के लिए ऐसा कर रही है. अब राज्य सरकार के संसाधन का उपयोग डीवीसी को नहीं करने दिया जायेगा. सड़क मार्ग से डीवीसी को होनेवाली कोल व छाई की ट्रांसपोर्टिंग रोकी जायेगी.
4955 करोड़ रुपये बकाया है डीवीसी का बिजली वितरण निगम पर
हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, चतरा, बोकारो, गिरिडीह, धनबाद व पूर्वी सिंहभूम का मुसाबनी क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित
व्यवसाय, खेती और उद्योग पर पड़ा असर, बिजली कटौती के खिलाफ अलग अलग जिलों में शुरू हो गया है धरना-प्रदर्शन
झामुमो ने भाजपा पर फोड़ा ठीकरा
झामुमो ने अपने अधिकृत ट्वीटर पर ट्वीट किया है कि झारखंड पर डीवीसी का बकाया भाजपा सरकार की देन है. रघुवर सरकार में बकाया होने पर भी लोगों को परेशान नहीं किया गया. हेमंत सोरेन ने भाजपा को करारी पटखनी दी, तो केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार डीवीसी के जरिये लोगों को परेशान कर इसकी भरपाई करा रही है.
सत्ता पक्ष के विधायकों ने दी डीवीसी की कोयला आपूर्ति ठप कराने की चेतावनी
बिजली कटौती के संबंध में जानकारी लेने के लिए जब डीवीसी के चीफ इंजीनियर (कॉमर्शियल) माणिक रक्षित को फोन किया गया, तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. हालांकि, झारखंड बिजली वितरण निगम के एक अधिकारी ने बताया कि डीवीसी को तत्काल 200 करोड़ रुपये दिये जा रहे हैं.
संचिका मुख्य सचिव द्वारा प्रक्रियाधीन है. डीवीसी को सारी बातों की जानकारी दी गयी है. भारत सरकार के केंद्रीय ऊर्जा सचिव और डीवीसी के सदस्य तकनीक को त्राहिमाम संदेश भेजा गया है. उनसे आग्रह किया गया है कि राशि भुगतान की प्रक्रिया चल रही है. बिजली कटौती वापस ली जाये.
इसलिए हो रही है लोड शेडिंग
दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) से बिजली खरीद कर झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, चतरा, बोकारो, गिरिडीह और धनबाद जिले को आपूर्ति करता है. जानकारी के मुताबिक, डीवीसी का निगम पर नवंबर 2019 तक 4955 करोड़ रुपये का बकाया है. डीवीसी ने 10 फरवरी 2020 में बकाया राशि के भुगतान के लिए 25 फरवरी तक की डेड लाइन दी थी, लेकिन निगम निर्धारित समय पर बकाया राशि का भुगतान नहीं कर पाया.
फिर डीवीसी ने दो दिनों का एक्सटेंशन दिया. इसके बाद थोड़ी-थोड़ी देर के लिए लोड शेडिंग शुरू की गयी. 10 मार्च से 18 घंटे तक की लोड शेडिंग शुरू हो गयी. डीवीसी कमांड एरिया में जेबीवीएनएल प्रतिदिन 600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करता है. लेकिन 10 मार्च से उक्त इलाकों में 300 मेगावाट से भी कम बिजली की आपूर्ति की जा रही है. बताया गया कि गिरिडीह व अन्य जिलों में प्रत्येक छह घंटे पर दो घंटे बिजली दी जा रही है.