22 जिलों में खुलेंगे ई-एफआरइआर थाना, चार जिलों में होगा एएचटीयू

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को तीन अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी है. पहले प्रस्ताव के तहत रामगढ़ और खूंटी को छोड़ राज्य के 22 जिलों में ई-एफआइआर थानों का सृजन किया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | August 25, 2020 2:30 AM

रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को तीन अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी है. पहले प्रस्ताव के तहत रामगढ़ और खूंटी को छोड़ राज्य के 22 जिलों में ई-एफआइआर थानों का सृजन किया जायेगा. दूसरे प्रस्ताव के तहत लातेहार, सािहबगंज, गोड्डा और गिरिडीह में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) का गठन की योजना है. वहीं, तीसरे प्रस्ताव में विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और कर्मियों के पद सृजन के लिए स्क्रीनिंग कमेटी बनाने की बात कही गयी है.

कैबिनेट की सहमति के बाद 22 जिलों में ई-एफआइआर थाने खोले जायेंगे. इसके बाद आमलोग वेब पोर्टल या मोबाइल एेप के जरिये ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज करा सकेंगे. वाहन चोरी, सेंधमारी, महिलाओं व नाबालिगों से संबंधित अपराध समेत अन्य मामलों को दर्ज कराने के लिये थाना जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

ई-एफआइआर दर्ज कराने के लिए शिकायतकर्ता को समाधान पोर्टल पर लॉग इन कर अपना आवेदन ई-साइन या डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से देना होगा. समाधान पोर्टल पर विभिन्न शिकायतों के आधार पर थाना प्रभारी ई-एफआइआर संबंधित धाराओं के तहत कांड दर्ज कर संबंधित थाना के पुलिस पदाधिकारी को अनुसंधान के लिए नामित करेंगे. पुलिस महानिदेशक या पुलिस महानिरीक्षक समीक्षा के बाद अपने स्तर से ई-एफआइआर के तहत सूचीबद्ध करने के लिए अलग से भी आदेश जारी कर सकेंगे.

इलेक्ट्रॉनिक मॉड्यूल में होगा अनुसंधान : ई-एफआइआर में अनुसंधानकर्ता इलेक्ट्रॉनिक मॉड्यूल में काम करेंगे. अनुसंधान के क्रम में की गयी कार्रवाई व केस डायरी की प्रविष्टि भी इलेक्ट्रॉनिक फॉरमेट में ही होगी. प्राथमिकी दर्ज होने से 30 दिनों के अंदर मामले का उद्भेदन नहीं होने पर अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय में समर्पित किया जायेगा. संबंधित जिले या राज्य की सीमा के बाहर घटना होने, अभियुक्त का संदिग्ध ज्ञात होने या अपराध की घटना में किसी के जख्मी होने पर ई-एफआइआर नहीं किया जा सकेगा.

लातेहार, साहेबगंज, गोड्डा व गिरिडीह में गठित होगी एएचटीयू : लातेहार,साहेबगंज, गोड्डा और गिरिडीह में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) का गठन होगा. एएचटीयू का कार्यक्षेत्र पूरा जिला होगा. एएचटीयू ही अवैध मानव व्यापार की रोकथाम, अभियोजन का संधारण और अपराध, अपराधियों या गिरोहों से संबंधित पूरा ब्योरा तैयार करेगी. रांची, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा, गुमला, पलामू, चाईबासा व दुमका जिले में एएचटीयू थानों का गठन कर दिया गया है. जल्द ही राज्य के 12 अन्य जिलों में भी एएचटीयू गठित होगी.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तीन प्रस्तावों को दी है मंजूरी

राज्य के विवि में शिक्षकों और कर्मियों के पद सृजन के लिए बनेगी स्क्रीनिंग कमेटी

Post By: Pritish Sahay

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