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घूसखोरी में फंसा झारखंड का ये अधिकारी इ-नाम पोर्टल का बना नोडल अफसर, 2016 में ACB ने किया था गिरफ्तार

घूसखोरी में फंसा एक अफसर आज इ-नाम पोर्टल का अधिकारी बन बैठा है. साल 2016 में एसीबी ने उसे गिरफ्तार किया था. जानकारी के मुताबिक उनके ऊपर लगे आरोपों की जांच कभी नहीं हुई

Jharkhand News रांची : घूसखोरी में फंसा अफसर इ-नाम पोर्टल के नोडल पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित है. इ-नाम पोर्टल का संचालन किसानों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए हो रहा है. इसे दूसरी बार मार्केटिंग सचिव और इ-नाम के नोडल पदाधिकारी बनाने के लिए उसके काम को उत्कृष्ट बताया गया. राज्य कृषि विपणन पर्षद (मार्केटिंग बोर्ड) के मार्केटिंग सचिव राकेश कुमार को एसीबी ने वर्ष 2016 में एक लाख रुपये घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था.

वह किसान शेड का आवंटन करने के लिए 15-15 हजार रुपये की दर से घूस मांग रहे थे. दिनेश गुप्ता ने इस मामले की शिकायत एसीबी से की थी. इसके बाद एसीबी ने राकेश कुमार को एक लाख रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया था. तीन माह के बाद वह जेल से जमानत पर निकले हैं. फिलहाल वह न्यायिक प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं.

कभी नहीं हुई आरोपों की जांच :

मार्केटिंग बोर्ड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक ने मंजूनाथ भजंत्री ने इस अधिकारी पर गढ़वा और हजारीबाग में कार्य के दौरान लगे आरोपों की जांच का आदेश दिया. हालांकि अब तक इस मामले में किसी तरह की जांच नहीं हुई. वर्ष 2019 में राकेश कुमार के तबादले के बाद अभिषेक आनंद को इ-नाम का नोडल पदाधिकारी बनाया गया.

अक्तूबर 2021 में अभिषेक आनंद को इ-नाम के नोडल पदाधिकारी पद से हटा कर फिर से राकेश कुमार को फिर से मार्केटिंग बोर्ड का प्रभारी सचिव और इ-नाम का नोडल पदाधिकारी बना दिया गया. इसके लिए यह तर्क पेश किया गया कि इ-नाम से संबंधित काम में उनका प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है.

Posted By : Sameer Oraon

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