रांची: झारखंड के राजस्व इ-कोर्ट में मामलों की सुनवाई में परेशानी आ रही है. सबसे बड़ी समस्या नेट कनेक्टिविटी को लेकर है. इ-कोर्ट के माध्यम से सुनवाई में देरी होने से मामलों का निबटारा नहीं हो पा रहा है. राज्यभर के इ-कोर्ट में फिलहाल जमीन से संबंधित 74500 से अधिक मामले लटक गये हैं. अब तक कुल 1.95 लाख मामले आये. इनमें से करीब 1.20 लाख का निबटारा हो पाया है. पेंडिंग मामलों की सुनवाई में परेशानी आ रही है. जानकारी के अनुसार, गांवों में कनेक्टिविटी बेहतर नहीं होने से इ-कोर्ट का ठीक से संचालन नहीं हो पा रहा है. रैयतों और गवाहों को इ-कोर्ट में सुनवाई के दौरान ऑनलाइन अपनी बातें रखने में दिक्कत हो रही है.
सरकार ने अंचल कार्यालय के साथ ही भूमि सुधार उप-समाहर्ता और अपर समाहर्ता या डीसी कोर्ट में भी इ-कोर्ट की व्यवस्था की है. यहां से पदाधिकारी सीधे ऑनलाइन मामलों की सुनवाई करते हैं. इसके तहत दाखिल -खारिज, दखल कब्जा, मापी सहित कई तरह के मामले आते हैं. पहले केवल ऑफलाइन सुनवाई होती थी. ऐसे में रैयत राजस्व कार्यालयों में उपस्थित होकर पक्ष रखते थे. अब ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन व्यवस्था भी की गयी है,जिससे मामलों का त्वरित गति से निष्पादन किया जा सके.
मामला लटकने का खामियाजा संबंधित रैयतों को उठाना पड़ रहा है. सारे मामलों की सुनवाई ऑनलाइन होने के बाद भी रैयतों को संबंधित कार्यालयों में दौड़ लगानी पड़ती है. वह मामलों का जल्द निपटारा कराने के लिए लगातार चक्कर लगा रहे हैं. राजस्वकर्मियों का कहना है कि ऑनलाइन में समस्या आने पर वह अपनी बात रखने के लिए अंचल और जिला के कार्यालय पहुंचते हैं. ऐसे में ऑनलाइन कोर्ट होने का औचित्य नहीं रह जाता है.
जिला पेंडिंग केस
बोकारो 1231
चतरा 3524
देवघर 5197
धनबाद 5089
दुमका 2080
पू सिंहभूम 2987
जिला पेंडिंग केस
गढ़वा 1546
गिरिडीह 1902
गोड्डा 2494
गुमला 1393
हजारीबाग 6003
जामताड़ा 3998
जिला पेंडिंग केस
खूंटी 3360
कोडरमा 592
लातेहार 699
लोहरदगा 544
पाकुड़ 2029
पलामू 2482
जिला पेंडिंग केस
रामगढ़ 2182
रांची 20598
साहिबगंज 1821
सरायकेला 1418
सिमडेगा 261
प सिंहभूम 1164
इधर राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने पूर्व में भी इ-कोर्ट के मामलों को त्वरित गति से निबटाने का आदेश दिया था. यह कहा गया था कि अगर इस तरह के मामले में लटकेंगे, तो रैयतों को राहत कैसे मिलेगी.