होटवार जेल अधीक्षक व जेलर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में कार्रवाई संभव, आमदनी और खर्चा में मिला बड़ा अंतर
होटवार जेल अधीक्षक व जेलर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में कार्रवाई की जा सकती है. दोनों अधिकारियों की वैध आमदनी और उनके द्वारा किये गये खर्च में अंतर को देखते हुए ईडी को इस बात की आशंका है कि अंतर की रकम जेल में हो रही अवैध गतिविधियों के सहारे कमायी गयी है.
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, (होटवार, रांची) के जेल अधीक्षक हामिद अंसारी और जेलर नसीम के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के आरोप में कार्रवाई हो सकती है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इन दोनों अधिकारियों की आमदनी और खर्च से संबंधित ब्योरा जुटाया है. इसमें इनका खर्च इनके वास्तविक आमदनी से अधिक पाया गया है. इस वजह से ईडी दोनों अधिकारियों के मनी लाउंड्रिंग में शामिल होने के आधार पर आगे की जांच कर रहा है. जेल में ईडी के गवाहों और अधिकारियों के खिलाफ साजिश रचने के आरोप की जांच के दौरान इडी ने जेलर को सात नवंबर और अधीक्षक को आठ नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था. ईडी ने जेल अधीक्षक को इसी मामले में दूसरी बार 13 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था.
जेल में हो रही अवैध गतिविधियों से पैसे कमाने की आशंका
ईडी की टीम ने जेल अधीक्षक द्वारा अपने और परिवार के सदस्यों द्वारा दिये गये आय व्यय और संपत्ति के ब्योरे की जांच की. इस क्रम में ईडी ने बैंक से मंगाये गये ब्योरे और संपत्ति की जांच की. इसमें जेल अधीक्षक द्वारा दिये गये ब्योरे और ईडी द्वारा जुटाये गये ब्योरे में समानता नहीं पायी गयी. यह स्थिति जेलर की भी आर्थिक मामलों में भी पायी गयी है. इन दोनों अधिकारियों की वैध आमदनी और उनके द्वारा किये गये खर्च में अंतर को देखते हुए ईडी को इस बात की आशंका है कि अंतर की रकम जेल में हो रही अवैध गतिविधियों के सहारे कमायी गयी है. साथ ही इसे बैंकिंग चैनलों के माध्यम से वैध आमदनी करार देने की कोशिश की गयी है.
क्या है पूरा मामला
मामला ईडी के अफसर के खिलाफ जेल से साजिश रचने और गवाहों को जेल से धमकी देने से जुड़ा है. ईडी ने अपने गवाहों को धमकी देने की सूचना के बाद उन फोन नंबरों को सर्विलांस पर रखा था, जिन फोन नंबरों से धमकी दी जा रही थी. जांच में सभी फोन नंबरों के लोकेशन बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के आसपास के टावरों के मिले. इसी मामले में पिछले दिनों रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा (होटवार जेल) में छापेमारी की थी. इस दौरान प्रेम प्रकाश समेत उससे संबंधित लोगों के ठिकानों पर जेल में छापेमारी की गई थी. छापेमारी के दौरान प्रेम प्रकाश के अलावा जेल अधिकारियों से संबंधित सीसीटीवी फुटेज ईडी ने जब्त की थी. इसके बाद ईडी ने जेल अधिकारियों को समन भेजकर उनसे पूछताछ की गई.
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