झारखंड: ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम के चचेरे भाई आलोक रंजन को ईडी ने किया अरेस्ट
आलोक रंजन ने अपने कमरे से निगरानी द्वारा जब्त किये गये 2.67 करोड़ रुपये को अपना बताया, लेकिन इसके स्रोत की सही जानकारी नहीं दे सका. साथ ही कमरे में नकद रुपये रखने के कारणों का भी संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाया. ईडी की जांच में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि जब्त पैसे बीरेंद्र राम के ही थे.
रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम के चचेरे भाई आलोक रंजन को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है. ईडी ने बीरेंद्र राम प्रकरण में पूछताछ के लिए उसे समन देकर हाजिर होने का निर्देश दिया था. इसी के आलोक में वह मंगलवार को पूछताछ के लिए हाजिर हुआ था. बीरेंद्र राम फिलहाल जेल में है.
जमशेदपुर में वकालत करता है आलोक रंजन
आलोक रंजन ने अपने कमरे से निगरानी द्वारा जब्त किये गये 2.67 करोड़ रुपये को अपना बताया, लेकिन इसके स्रोत की सही जानकारी नहीं दे सका. साथ ही कमरे में नकद रुपये रखने के कारणों का भी संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाया. ईडी की जांच में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि जब्त पैसे बीरेंद्र राम के ही थे. उल्लेखनीय है कि आलोक रंजन जमशेदपुर में वकालत करता है और ग्रामीण विकास विभाग के जूनियर इंजीनियर सुरेश वर्मा के मकान के ऊपरी मंजिल में किराये के कमरे में रहता है. निगरानी ने वर्ष 2019 में 10 हजार रुपये घूस लेते हुए सुरेश वर्मा को रंगेहाथ गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद 15 नवंबर 2019 को घर की तलाशी के दौरान आलोक रंजन के कमरे से 2.67 करोड़ रुपये जब्त किये गये थे. निगरानी ने इस मामले में सुरेश वर्मा और आलोक रंजन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया, लेकिन 2.67 करोड़ के स्रोतों की जांच नहीं की.
ईडी ने आलोक रंजन को किया था समन
ईडी ने 17 सितंबर 2020 को निगरानी थाने में दर्ज प्राथमिकी (13-2019) को इसीआइआर के रूप में दर्ज किया और जांच शुरू की. जांच के दौरान जानकारी मिली कि मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम और उसकी पत्नी राजकुमार अक्सर आलोक रंजन के पास आते थे. ईडी ने जांच में पाया कि बीरेंद्र राम अपनी नाजायज कमाई को अपने चचेरे भाई आलोक रंजन के पास रखता था. ईडी द्वारा की गयी पूछताछ के दौरान जूनियर इंजीनियर सुरेश वर्मा ने भी पैसों का संबंध बीरेंद्र राम से होने की बात स्वीकार की थी. इन्ही तथ्यों के आलोक में ईडी ने आलोक रंजन को पूछताछ के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया था. ईडी ने इससे पहले मनी लाउंड्रिंग के आरोप में 22 फरवरी को बीरेंद्र राम को गिरफ्तार कर किया था.