झारखंड : ईडी ने कारोबारी विष्णु अग्रवाल को किया गिरफ्तार, दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन खरीद-बिक्री का है आरोप
ईडी ने चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ जमीन की खरीदारी मामले में कारोबारी विष्णु अग्रवाल को गिरफ्तार किया है. जमीन की खरीद-बिक्री मामले में यह तीसरी गिरफ्तारी है. जबकि जालसाजी के मामले में यह 13वीं गिरफ्तारी है. एक अगस्त को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया जायेगा.
Jharkhand News: पूछताछ के लिए सोमवार की शाम हिनू स्थित इडी ऑफिस पहुंचे कारोबारी विष्णु अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया. उन्हें फर्जी दस्तावेज के सहारे चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ जमीन खरीदने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इस जमीन की खरीद-बिक्री मामले में यह तीसरी गिरफ्तारी है. जबकि जालसाजी के मामले में यह 13वीं गिरफ्तारी है. एक अगस्त को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में विष्णु अग्रवाल को पेश किया जायेगा.
सोमवार की शाम ईडी ऑफिस पहुंचे विष्णु अग्रवाल
समन मिलने पर विष्णु अग्रवाल शाम करीब 4.30 बजे दिल्ली से रांची पहुंचने पर सीधे ईडी कार्यालय पहुंचे. ईडी के अधिकारियों ने कई घंटे तक पूछताछ करने के बाद रात में उन्हें गिरफ्तार कर लिया. ईडी ने जांच में पाया कि विष्षु अग्रवाल ने चेशायर होम रोड स्थित जिस एक एकड़ जमीन की खरीदारी जिन कागजात के आधार पर की, उसके मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ की गयी है. ईडी ने बड़गाईं अंचल कार्यालय और कोलकाता स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में सर्वे करने के बाद जमीन (खाता-37,प्लॉट 28,रकबा एक एकड़,वर्ष 1933) से संबंधित दस्तावेज जब्त कर लिये थे. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर दस्तावेज को जांच के लिए गुजरात स्थित फाॅरेंसिक लैब भेजा गया था. फाॅरेंसिक जांच में जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ करने, पहले की लिखावट को मिटा कर उसकी जगह दूसरे तथ्यों को जोड़ने की पुष्टि की गयी.
Also Read: झारखंड : छवि रंजन की जमानत याचिका पर कोर्ट ने ईडी से मांगा जवाब, 10 जुलाई को अगली सुनवाई
ऐसे हुई जालसाजी
ईडी ने जांच में पाया कि जालसाजों ने कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय में रखे गये मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ कर गंगाधर राय को जमीन का फर्जी मालिक बनाया. इसके बाद गंगाधर राय के पोते राजेश राय से जमीन की खरीद बिक्री के लिए इम्तियाज अहमद और भरत प्रसाद ने पावर ऑफ अटॉर्नी की. इन दोनों ने यह जमीन पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश के करीबी पुनित भार्गव को बेची. जमीन का सौदा 1.50 करोड़ रुपये में हुआ. लेकिन, राजेश राय को सिर्फ 25 लाख रुपये का भुगतान किया गया. शेष 1.25 करोड़ रुपये के फर्जी भुगतान का दावा किया गया. 15 लाख रुपये का भुगतान जालसाज गिरोह के सदस्यों को किया गया. इसके बाद पुनित भार्गव ने यह जमीन व्यापारी विष्णु अग्रवाल को 1.87 करोड़ रुपये में बेची. इस रकम में से 1.50 करोड़ रुपये प्रेमप्रकाश को ट्रांसफर किये गये. प्रेम प्रकाश साहिबगंज में अवैध खनन के सहारे हुए मनी लाउंड्रिंग के मामले में पहले से जेल में बंद है. राजेश राय से पावर ऑफ अटॉर्नी लेनेवाले इम्तियाज को सेना के कब्जेवाली जमीन की खरीद बिक्री के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. चेशायर होम रोड स्थित जमीन की खरीद बिक्री की जांच के दौरान इडी ने जमीन के फर्जी मालिक गंगाधर राय के पोते राजेश राय और अटॉर्नी होल्डर भरत प्रसाद को भी गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश के आलोक में जेल भेज दिया है.
जमीन खरीद बिक्री में अब तक गिरफ्तार अभियुक्त
-
छवि रंजन, रांची के तत्कालीन उपायुक्त
-
विष्णु अग्रवाल, व्यापारी
-
दिलीप घोष, जगत बंधु टी स्टेट के निदेशक
-
अमित अग्रवाल, राजेश ऑटो के निदेशक
-
भानु प्रताप प्रसाद, राजस्व कर्मचारी
-
राजेश राय, जमीन के फर्जी मालिक का पोता
-
भरत प्रसाद, पावर ऑफ अर्टानी होल्डर
-
प्रदीप बागची, सेना के कब्जेवाली जमीन का फर्जी मालिक
-
अफसर अली, जालसाजी कर जमीन बेचनेवाले गिरोह का सरगना
-
इम्तियाज अहमद, जालसाज गिरोह का सदस्य
-
सद्दाम हुसैन, जालसाज गिरोह का सदस्य
-
तलहा खान,जालसाज गिरोह का सदस्य
-
फैयाज खान,जालसाज गिरोह का सदस्य.
ईडी की पूछताछ में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री से विष्णु अग्रवाल का इनकार
इधर, विष्णु अग्रवाल ने दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन खरीद-बिक्री के मामले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है. पूछताछ के दौरान खुद को जालसाज गिरोह के शिकार के रूप में पेश किया. पूछताछ के बाद ईडी ने विष्णु का बयान दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी है.
विष्णु अग्रवाल ने खुद को पीड़ित और जालसाज गिरोह का शिकार बताया
ईडी द्वारा जारी किये गये समन के आलोक में विष्णु अग्रवाल को सोमवार को दिन के 11 बजे पूछताछ के लिए हाजिर होना था. लेकिन, शाम करीब 4.30 बजे इडी कार्यालय पहुंचे. वह किसी काम से दिल्ली में थे. दिल्ली से रांची लौटने के बाद वह हवाई अड्डा से सीधे ईडी कार्यालय पहुंचे. ईडी ने चेशायर होम रोड स्थित जमीन की खरीद-बिक्री के सिलसिले में पूछताछ की. कोलकाता स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में रखे गये जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ कर गंगाधर राय को जमीन का फर्जी मालिक बनाया गया. इसके बाद इस जमीन को प्रेम प्रकाश और जालसाज गिरोह के सदस्यों के माध्यम से विष्णु अग्रवाल को बेची गयी. जमीन खरीद मामले में पूछे गये सवालों के जवाब देते हुए विष्णु अग्रवाल ने खुद को पीड़ित और जालसाज गिरोह के शिकार के रूप में पेश किया. साथ ही जालसाज गिरोह और उसके काम में किसी तरह से अपनी संलिप्तता से इनकार किया. पूछताछ के बाद इडी के अधिकारियों ने विष्णु अग्रवाल का बयान दर्ज करना शुरू किया.
Also Read: झारखंड : ईडी ने अवैध खनन और मनी लॉउंड्रिंग मामले में पंकज मिश्रा के दो और करीबी को किया गिरफ्तार