70 करोड़ के कोल लिंकेज की हेराफेरी का आरोपी इजहार अंसारी गिरफ्तार, आज पेश किया जाएगा PMLA कोर्ट में

जानकारी के अनुसार, ईडी ने मनरेगा घोटाले को लेकर की गयी छापेमारी के दौरान सीए सुमन कुमार का मोबाइल फोन जब्त किया था. इस मोबाइल फोन से मिले ब्योरे के आधार पर ईडी ने इजहार अंसारी के घर पर मार्च 2023 में छापा मारा था.

By Prabhat Khabar News Desk | January 17, 2024 4:34 AM

रांची : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 70 करोड़ रुपये के कोल लिंकेज की हेराफेरी के आरोपी कोयला व्यापारी इजहार अंसारी को मंगलवार शाम गिरफ्तार कर लिया. समन किये जाने के बावजूद वह पूछताछ के लिए इडी के समक्ष हाजिर नहीं हो रहा था. इडी ने सुबह करीब 7:00 बजे हजारीबाग स्थित इजहार के आवास व फैक्टरी पर छापा मार कर उसे हिरासत में ले लिया. इडी की टीम ने उसके करीबी रिश्तेदार इश्तियाक के रामगढ़ स्थित घर पर भी छापा मारा, हालांकि वह घर पर नहीं मिला. इडी की टीम इजहार को रांची ले आयी. यहां पूछताछ के बाद रात आठ बजे उसे गिरफ्तार कर लिया गया. बुधवार को उसे पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया जायेगा.

जानकारी के अनुसार, ईडी ने मनरेगा घोटाले को लेकर की गयी छापेमारी के दौरान सीए सुमन कुमार का मोबाइल फोन जब्त किया था. इस मोबाइल फोन से मिले ब्योरे के आधार पर इडी ने इजहार अंसारी के घर पर मार्च 2023 में छापा मारा था. उस दौरान उसके घर से 3.85 करोड़ रुपये नकद जब्त किये गये थे. दरअसल, सुमन के मोबाइल फोन में इजहार के साथ किये गये लेन-देन का ब्योरा भी दर्ज था. इडी ने जांच में पाया कि इजहार ने लिंकेज में मिले कोयले के लिए कमीशन के रकम की गणना करने के बाद सीए सुमन को मोबाइल फोन पर भुगतान की जानकारी दी थी.

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सुमन से जुड़ते ही सभी 13 कंपनियों को मिलने लगा कोल लिंकेज

इजहार ने 13 कंपनियां बना रखी थीं. इनमें से अधिकांश का निदेशक वह खुद था, जबकि कुछ कंपनियों में अपने बेटे नाजिर के अलावा अपने करीबी रिश्तेदार इश्तियाक और तजमुल को निदेशक बना रखा था. जांच में पाया गया कि खान विभाग की अनुशंसा पर वर्ष 2019 में इजहार की नौ कंपनियों को 14072.70 एमटी, जबकि 2020-21 में सिर्फ तीन कंपनियों को कोल लिंकेज मिला था. सीए सुमन के संपर्क में आने के बाद इजहार की सभी 13 कंपनियों को 22009.08 एचटी का कोल लिंकेज मिला था.

उसकी पहल पर खान विभाग के अधिकारियों ने कोयला कंपनियों से इजहार की कंपनियों को कोल लिंकेज देने की अनुशंसा की थी. इडी ने इजहार की कंपनियों से जुड़े दस्तावेज की जांच में पाया कि उसने सीसीएल और बीसीसीएल से लिंकेज के रूप में 70 करोड़ रुपये से अधिक के कोयले का उठाव कर कालाबाजारी की थी. उसके सेल रजिस्टर में दर्ज वाहनों के नंबर की जांच के दौरान मोटरसाइकिल, मोपेड सहित अन्य दोपहिया वाहनों से कोयले की ढुलाई का मामला पकड़ में आया. इजहार के रजिस्टर में मोटरसाइकिल और मोपेड पर 25-25 एमटी कोयला ढोने की उल्लेख किया गया है.

इडी ने कोयले के अवैध कारोबार के मामले में दर्ज की नयी इसीआइआर : इडी ने कोयले के अवैध धंधा के सिलसिले में दर्ज नयी प्राथमिकी की जांच के दौरान पायी गयी गड़बड़ी के आधार पर इजहार को गिरफ्तार किया है. इडी ने मांडू थाने में 2019 में दर्ज प्राथमिकी(10/2019) को इसीआइआर (आरएनजेडओ / 34 / 230) के रूप में दर्ज किया. मांडू थाने में यह प्राथमिकी ट्रक (जेएच02एआर-6640) के ड्राइवर सैयद सलमानी के खिलाफ दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी में ट्रक ड्राइवर को उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के मुगलसराय थाना क्षेत्र का निवासी बताया गया था. ट्रक के मालिक का नाम इजहार अंसारी उर्फ टुन्नू मलिक और पता मिल्लत कॉलोनी, पेलावल रोड, हजारीबाग दर्ज है.

पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर ड्राइवर ने तोपा कोलियरी से 19 टन कोयला लेकर बनारस जाने की बात स्वीकार की थी. ट्रक ड्राइवर के पास मिले चालान में कोलियरी से कोयला लेकर रामगढ़ स्थित ओम कोक में जाने का उल्लेख था. ओम कोक नामक कंपनी में इजहार के रिश्तेदार इश्तियाक अहमद और मंजूर हसन नामक व्यक्ति की साझेदारी है. लेकिन, इजहार के निर्देश पर ट्रक ड्राइवर इस कोयले को लेकर बेचने के लिए बनारस मंडी जा रहा था. जांच के दौरान ड्राइवर द्वारा पेश किये गये चालान और फार्म-डी से यह पुष्टि हुई कि सीसीएल के तोपा कोलियरी से कोयला ओम कोक में ले जाना था.

इस ट्रक के पीछे कोयला व्यापारी संजू साव, दीपक साव, मो असलम और रिजवान भी चल रहे थे. लेकिन वे पुलिस की डर से भाग गये. मामले की जांच के बाद पुलिस ने 30 जुलाई 2020 को धारा 420, 120बी, 468, 469, 471 और कोल माइंस एक्ट के तहत इजहार अंसारी, इश्तियाक, संजू साव, दीपक सान, मो असलम व अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया.

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