Jharkhand News: दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन सहित 10 आरोपियों के खिलाफ सोमवार को आरोप पत्र दायर किया जायेगा. सेना के कब्जेवाली जमीन की खरीद-बिक्री के सिलसिले में जिन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया जायेगा उन सभी लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. सिर्फ दो आरोपी अमित अग्रवाल और दिलीप घोष को रिमांड पर लेकर ईडी की टीम पूछताछ कर रही है. इन्हें भी सोमवार को पीएमएल कोर्ट में पेश किया जायेगा.
फर्जी दस्तावेज के सहारे जमीन की खरीद-बिक्री में संबंधित अधिकारियों का खुलासा
ईडी ने तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी द्वारा की गयी जांच रिपोर्ट के आलोक में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी को मनी लाउंड्रिंग की जांच के लिए इसआईआर के रूप में दर्ज किया था. नगर निगम के टैक्स कलेक्टर दिलीप शर्मा ने सेना के कब्जेवाली जमीन का होल्डिंग नंबर लेने के लिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल करने के आरोप में प्रदीप बागी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इडी ने इस प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की और फर्जी दस्तावेज के सहारे जमीन की खरीद-बिक्री में लगे गिरोह और उनसे संबंधित अधिकारियों का खुलासा किया. साथ ही उन्हें गिरफ्तार कर पीएमएलए कोर्ट के आदेश के आलोक में जेल भेजा.
अब तक 10 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
ईडी ने इस मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया, उसमें रांची के पूर्व उपायुक्त छविरंजन, बड़गांई अंचल कार्यालय का राजस्व कर्मचारी, कोलकाता के व्यापारी अमित अग्रवाल, जगत बंधु टी स्टेट के निदेशक दिलीप घोष, जमीन का फर्जी मालिक प्रदीप बागची, जमीन कारोबारी अफसर खान, फैयाज खान, इम्तियाज अहमद और तलहा खान शामिल हैं. इन सभी लोगों ने मिलकर वर्ष 1932 का फर्जी सेल डीड नंबर 4369 के सहारे सेना के कब्जेवाली जमीन जगत बंधु टी स्टेट को बेची थी.