ईडी ने खनन घोटाले मामले में दाहू के पिता के खिलाफ दायर की चार्जशीट, ऐसे बनायी थी ट्रांसपोर्ट कंपनी
ईडी ने खनन घोटाले की जांच के दौरान दाहू यादव के पिता और पुत्र को अभियुक्त बनाया था. खनन घोटाले की जांच के दौरान ईडी ने पाया था कि दाहू ने अवैध खनन से अर्जित धन के सहारे ट्रांसपोर्ट कंपनी बनायी थी
ईडी ने 1000 करोड़ रुपये के खनन घोटाले में पशुपतिनाथ यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया है. वह खनन घोटाले में फरार अभियुक्त राजेश यादव उर्फ दाहू यादव का पिता है. पशुपतिनाथ यादव खनन घोटाले में आरोपी होनेवाला चौथा अभियुक्त है. इससे पहले इस मामले में मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, उसके सहयोगी बच्चू यादव और पावर ब्रोकर प्रेमप्रकाश के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया जा चुका है.
मनी लाउंड्रिंग का आरोप
ईडी ने खनन घोटाले की जांच के दौरान दाहू यादव के पिता और पुत्र को अभियुक्त बनाया था. खनन घोटाले की जांच के दौरान ईडी ने पाया था कि दाहू ने अवैध खनन से अर्जित धन के सहारे ट्रांसपोर्ट कंपनी बनायी थी. इस कंपनी का नियंत्रण उसके पिता और पुत्र के पास था. जांच में मिले तथ्यों की पुष्टि के लिए इडी ने समन जारी कर उसे पूछताछ के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया था. हालांकि, वह हाजिर नहीं हुआ. इसके बाद इडी के अनुरोध पर पीएमएलए कोर्ट द्वारा उसके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया था. पशुपतिनाथ यादव स्थानीय थाना में दर्ज एक मामले में भी फरार चल रहा था.
साहिबगंज पुलिस ने पिछले दिनों उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. बाद में उसे अवैध खनन से जुड़े मामले में भी रिमांड पर लिया गया. इसके बाद इडी ने जांच पूरी कर 19 जून को पीएमएलए कोर्ट में पशुपतिनाथ यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. इस अभियुक्त पर अवैध खनन से निकाले गये खनिजों की ढुलाई करने और अवैध खनन में शामिल रहने का आरोप लगाया गया है. उस पर दाहू यादव की नाजायज कमाई से मनी लाउंड्रिंग कर ‘सिंह वाहिनी’ नामक ट्रांसपोर्ट कंपनी बनाने और अवैध खनन के साथ ही ढुलाई में भी अपने बेटे दाहू यादव को मदद पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.
पंकज व आलम बनाये गये थे अभियुक्त
इडी ने बरहरवा टोल विवाद के सिलसिले में स्थानीय थाने में दर्ज प्राथमिकी (85/2020) को इसीआइआर के रूप में दर्ज कर अवैध खनन घोटाले की जांच शुरू की थी. थाने में दर्ज इस प्राथमिकी में 11 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. अभियुक्तों की सूची में सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा व मंत्री आलमगीर आलम को अभियुक्त बनाया गया था. पुलिस ने जांच के बाद दोनों को आरोप मुक्त कर दिया था.