झारखंड : कारोबारी विष्णु अग्रवाल से ईडी और 4 दिन करेगी पूछताछ, 7 दिनों की मांगी थी रिमांड
कारोबारी विष्णु अग्रवाल से ईडी अब और चार दिन पूछताछ करेगी. पहले पांच दिनों का रिमांड मिला था जो सोमवार को खत्म हो गया. रिमांड के अंतिम दिन सोमवार को पीएमएलए कोर्ट में पेश करते हुए पूछताछ के लिए और समय की मांग की गयी.
Jharkhand News: चेशायर होम रोड स्थित अन्य जमीन की खरीद-फरोख्त में हुई फर्जीवाड़ा मामले में न्यूक्लियस मॉल के संचालक विष्णु अग्रवाल से और चार दिनों तक ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) पूछताछ करेगा. सोमवार को रांची स्थित पीएमएलए कोर्ट ने इसकी अनुमति दी. इससे पूर्व पांच दिनों की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद ईडी ने विष्णु अग्रवाल को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश दिनेश राय की अदालत में पेश किया. इस दौरान ईडी के अधिवक्ता ने लैंड स्कैम में और पूछताछ की जरूरत बताते हुए अदालत से सात दिनों की रिमांड देने की मांग की. विष्णु अग्रवाल के अधिवक्ता ने इसका विरोध किया. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने विष्णु अग्रवाल से पूछताछ के लिए ईडी को चार दिनों की रिमांड दी.
ईडी ने 31 जुलाई को किया था गिरफ्तार
बता दें कि ईडी ने पूछताछ के बाद विष्णु अग्रवाल को 31 जुलाई, 2023 को गिरफ्तार किया था. इसके बाद उन्हें कोर्ट के आदेश से न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था. ईडी के अनुरोध पर विष्णु अग्रवाल से पूछताछ के लिए पीएमएलए कोर्ट ने पांच दिनों की रिमांड दी थी. ईडी उनसे दो अगस्त से पूछताछ कर रहा था.
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ईडी की पूछताछ में विष्णु ने मानी थी गलती
इधर, रिमांड पर लिये कारोबारी विष्णु अग्रवाल से ईडी की पहले हुई पूछताछ में सेना के लिए अधिगृहित जमीन, पुगड़ू की जमीन,चेशायर होम रोड की जमीन के अलावा न्यूक्लियस मॉल की जमीन की खरीद बिक्री के सिलसिले में पूछताछ की. पूछताछ के दौरान विष्णु अग्रवाल ने सेना के कब्जेवाली जमीन की खरीद बिक्री में अपनी गलती मान ली है. बाकी जमीन के मामले में अभी तक खुद को निर्दोष बताने की कोशिश कर रहे हैं. जमीन से जुड़े मामले में की गयी छापामारी के दौरान राजस्व कर्मी भानु प्रताप के घर से अंचल कार्यालय के दस्तावेज मिले थे.
राजस्व कर्मचारी ने कई भू-माफिया के राज खोले
बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद बड़गाईं अंचल के राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप ने पूछताछ में भू-माफिया के राज खोले. ईडी की टीम को कुछ नये भू-माफिया और आला अधिकारियों के बीच सांठगांठ की भी जानकारी दी. अब तक इडी की जांच के दायरे से बाहर रहे इन भू माफिया ने भी सरकारी जमीन के दस्तावेज में जालसाजी कर अपने लोगों को फर्जी मालिक बनाया और जमीन की खरीद बिक्री की. इडी ने पीएमएलए कोर्ट के आदेश पर पांच अगस्त को बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में राजस्व कर्मचारी से पूछताछ की.
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राज्य सरकार के आदेश पर सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज
ईडी ने इस मामले में प्रारंभिक जांच के बाद मिले तथ्यों के पीएमएलए की धारा 66(2) के तहत राज्य सरकार के साथ साझा किया था. इस मामले में सरकार के आदेश पर सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. ईडी ने इस प्राथमिकी को इसीआइआर के रूप में दर्ज कर इसकी भी जांच शुरू कर दी है. ईडी ने इस नये इसीआईआर के मामले में कोर्ट के आदेश के आलोक में भानु प्रताप से जेल में पूछताछ की. पूछताछ के दौरान राजस्व कर्मचारी ने घर में अंचल कार्यालय का दस्तावेज रखने का उद्देश्य इसमें हेर फेर कर जमीन माफिया के निर्देश पर उन्हें मदद करना बताया है. पूछताछ के दौरान उसने कुछ और भू माफिया का नाम लिया है जिन्हें वरीय अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है. हालांकि, इडी सूत्रों ने जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की वजह से फिलहाल नये भू माफिया और अधिकारियों के गठबंधन में शामिल लोगों का नाम सार्वजनिक नहीं किया है.